चिकनगुनिया की बीमारी का है बेस्ट इलाज आयुर्वेदिक काढ़ा
जयपुर । बारिश का मौसम है की खत्म होने का नाम ही नहीं लेते हैं ऐसे में वायरल और चिकनगुनिया की बीमारी का होना भी बहुत ज्यादा बढ़ रहा है । इतना ही नहीं यह बीमारी बहुत जल्दी से ठीक भी नहीं होती है । साथ ही इन बीमारियों की एक बड़ी खामी यह भी है की इन बीमारियों में शरीर में कोई न कोई परेशानी रह ही जाती है ।
ऐसे में इनसे निपटने के लिए आपको एक स्पेशल आयुर्ब्वेदिक काढ़े की जरूरत होगी । यह बीमारी को जड़ से खत्म करने का काम करता है । इतना ही नहीं यह बीमारी के कार्न शारीरीक देमेज को भी ठीक करने का काम करता है । आज हम आपको बताने जा रहे हैं ऊईस स्पेशल काढ़े के बारे में ।
चिकनगुनिया के रोगी को तुलसी, गुरुति, चिरायता, मुलैठी, कालमेघ, सुष्ठि, कालीमिर्च, भुंई आंवला, पपीते के पत्ते, भ्रंगराज, वासा व इलायची का काढ़ा देना चाहिए। इसके साथ ही उन्हें गिलोय के तने, नीम, हरसिंगार की पत्तियों का काढ़ा देना चाहिए।
चिकनगुनिया में नीम की गिलोय, सोंठ, छोटी पीपर और गुड़ के साथ तुलसी का काढ़ा बनाकर पीने से चिकनगुनिया का इलाज संभव है। 3 बार कढ़ा लेने से चिकगुनिया की समस्या कम हो सकती हैं।
गिलोय को तने को पानी में उबाल कर काढ़े की तरह लेने से बहुत ही जल्द आराम मिलता है। बदलते मौसम में रोजाना एक बार इसका इलाज करने से कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकता हैं। अगर आप गिलोय का काढ़ा नही पीना चाहते है तो बाजार में इसकी गोलियां उपलब्ध है आप वह भी ले सकते हैं।