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जागरूकता और स्वस्थ जीवनशैली से मधुमेह को दें मात : विशेषज्ञ

मधुमेह ऐसी बीमारी है जो उच्च रक्त ग्लूकोज के स्तर से होती है। यह पैनक्रिया और इंसुलिन का उत्पादन एवं उपयोग करने की विफलता के परिणामस्वरूप होती है। विशेषज्ञों का कहना है कि जागरूकता और स्वस्थ जीवनशैली से मधुमेह को नियंत्रित किया जा सकता है। प्री-डायबिटीज, जो टाइप 2 मधुमेह का पूर्व चरण है वहीं
जागरूकता और स्वस्थ जीवनशैली से मधुमेह को दें मात : विशेषज्ञ

मधुमेह ऐसी बीमारी है जो उच्च रक्त ग्लूकोज के स्तर से होती है। यह पैनक्रिया और इंसुलिन का उत्पादन एवं उपयोग करने की विफलता के परिणामस्वरूप होती है। विशेषज्ञों का कहना है कि जागरूकता और स्वस्थ जीवनशैली से मधुमेह को नियंत्रित किया जा सकता है। प्री-डायबिटीज, जो टाइप 2 मधुमेह का पूर्व चरण है वहीं टाइप-1 मधुमेह, जो बच्चों और युवा वयस्कों में अधिक प्रचलित है। टाइप-1 मधुमेह में, शरीर इंसुलिन उत्पन्न नहीं करता जबकि टाइप-2 मधुमेह को हाइपरग्लेसेमिया या इंसुलिन प्रतिरोध भी कहा जाता है और यह मधुमेह का सबसे आम रूप है।

मधुमेह के लक्षणों और नैदानिक परीक्षणों पर प्रकाश डालते हुए ऑनक्यूस्ट लेबोरेटरीज के मुख्य संचालन अधिकारी और लैब निदेशक डॉ. रवि गौर ने कहा, “मधुमेह से संबंधित कुछ सामान्य लक्षण भूख और प्यास, लगातार पेशाब, वजन घटना, थकान, धुंधलापन और लगातार संक्रमण या घावों का देर से ठीक होना शामिल है।”

उन्होंने कहा, “डॉक्टरों के लिए, लक्षणों के आधार पर टाइप 1 मधुमेह का निदान करना आसान है, लेकिन यह सुनिश्चित करने के लिए कि किसी व्यक्ति को टाइप-2 मधुमेह है या नहीं, वे ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन (ए 1 सी), भोजन के बाद रक्त शर्करा परीक्षण, खाली पेट रक्त शर्करा परीक्षण, और मौखिक ग्लूकोज सहिष्णुता (ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट) जैसे कुछ परीक्षणों की सलाह देते हैं।”

डॉ. गौर ने कहा, “स्वस्थ जीवनशैली के माध्यम से टाइप-2 मधुमेह को रोका जा सकता है या टाला जा सकता है, जिसमें फाइबर का अच्छा सेवन, शारीरिक गतिविधियों के स्तर में वृद्धि, वजन नियंत्रण, बेहतर नींद लेने के साथ संतुलित आहार शामिल है। सकारात्मक नैदानिक रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद, रोगी को एक योग्य और अनुभवी एंडोक्राइनोलॉजिस्ट द्वारा दी गई दवाओं और सुझावों का सख्ती से पालन करना चाहिए।”

न्यूज स्त्रोत आईएएनएस

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