सावन और तीज के मौके पर विवाहित महिलाएं बचें इन गलतियों को करने से
जयपुर। हिन्दू धर्म में शादी के बाद लडकियों को घर की लक्ष्मी माना जाता है। शादी के बाद सबसे अहम रिश्ता किसी भी लडकी के लिए उसके पति का होता है। पति की लम्बी उम्र के लिए हिन्दू धर्म में कई सारे व्रत किये जाते हैं। ऐसा ही सावन के महीने में आने वाली तीज
जयपुर। हिन्दू धर्म में शादी के बाद लडकियों को घर की लक्ष्मी माना जाता है। शादी के बाद सबसे अहम रिश्ता किसी भी लडकी के लिए उसके पति का होता है। पति की लम्बी उम्र के लिए हिन्दू धर्म में कई सारे व्रत किये जाते हैं। ऐसा ही सावन के महीने में आने वाली तीज भी है जो सुहागिन महिलाएं अपने पति के लिए करती है। तीज के शुभ अवसर पर अगर कुछ बातों का विशेष ध्यान रखा जाए तो इससे पूजा का कई गुना फल ज्यादा मिलता है। आज इस लेख मे हम इस बारे में बता रहें हैं।
- सुहागिन महिला अपनी सिंदूर की डिबिया को किसी दूसरी महिला के साथ नहीं बांटें। इसके अलाव सिंदूर लगाते समय सिर पर दुपट्टा रखकर लगायें। इस बात का ध्यान रखें जब भी नहा कर आएं तो उसके बाद सिन्दूर जरूर लगाएं।
- हमेशा सुहागन महिला इस बात का ध्यान रखें अपने माथे की बिंदीउतारकर किसी अन्य महिला को न दें। ऐसा करना अशुभ माना जाता है।
- सुहागिन महिलाको कभी भी मंगलवार और शनिवार के दिन चूड़ियाँ नहीं खरीदनी चाहिए। इस दिन अगर चूड़ी खरीदते हैं तो पति के लिए दुर्भाग्य का कारण बनता है। अगर नई चूड़ियां पहन रहें है तो उसे रविवार के दिन उत्तर दिशा की तरफ मुह करके पहनें। इसके बाद कुछ मीठा खाएं।
- सावन में हरे रंगकी चूड़ी पहनने से माता पार्वती का आशीर्वाद मिलता है।
- सुहागन महिलाओं को सफ़ेद और काले रंगकी चूड़ियाँ कभी भी नहीं पहननी चाहिए। सफेद और काले रंग की चूडियां बुरी किस्मत लेकर आती हैं जिसका नकारात्मक असर पति पर पडता हैं। अगर मेचिंग करते पहन रहें है तो एक लाल चूडी जरुर पहने।
- सुहागन महिलाओं को पैरों में बिछिया जरुर पहननी चाहिए। लेकिन कभी भी अपनी पहनी बिछिया को किसी दूसरे को न दें।