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भोपाल में Auto और Cab वाहन चालक व्यवसाय के अभाव में वाहन बेच रहें

भोपल में कई व्यवसायों और कार्यालयों को अनलॉक प्रक्रिया के साथ खोला गया था, लेकिन ऑटो और कैब चालकों के व्यवसाय में मदद करने में यह विफल रहा है क्योंकि लगभग सभी चालक हाल के समय में अभी पर्याप्त यात्रियों को पुनः प्राप्त करने में सक्षम नहीं दिख रहें हैं। इस वर्ष राज्य की राजधानी
भोपाल में Auto और Cab वाहन चालक व्यवसाय के अभाव में वाहन बेच रहें

भोपल में कई व्यवसायों और कार्यालयों को अनलॉक प्रक्रिया के साथ खोला गया था, लेकिन ऑटो और कैब चालकों के व्यवसाय में मदद करने में यह विफल रहा है क्योंकि लगभग सभी चालक हाल के समय में अभी पर्याप्त यात्रियों को पुनः प्राप्त करने में सक्षम नहीं दिख रहें हैं। इस वर्ष राज्य की राजधानी में लगभग 4,000 ऑटो रिक्शा, व्यवसाय की कमी के कारण भोपाल में बेचे गए हैं। आश्चर्य की बात यह है की भोपाल आरटीओ के साथ में लगभग 10,000 ऑटो पंजीकृत हैं।

भोपाल में Auto और Cab वाहन चालक व्यवसाय के अभाव में वाहन बेच रहेंकई ऑटो चालकों ने या तो ड्राइविंग बंद कर दी है या अन्य व्यवसायों में बदल गए हैं। ऑटो चालक, अक्षय जैन ने कहा है की ऑटो चालकों आर्थिक स्थिति चुनौतीपूर्ण हो गई है। हमारी स्थिति को आसानी से हम नहीं बता सकते हैं, अभी ट्रेनें और बस व्यापार सीमित हैं और रविवार को तो मानों पूरी तरह से लॉकडाउन है और ऑटो चालक के रूप मे हबीबगंज स्टेशन पर केवल 20% यात्रियों के साथ ऑटो यूनियन काम कर रहा हैं।”

Lockdown 3.0: Driven into corner, migrants drive down home in taxis, autos-  The New Indian Expressऑटो की उपस्थिति में अभी लगभग 50% तक की कमी आई है। वर्तमान समय की यदि हम बात करते हैं तो, हबीबगंज स्टेशन पर लगभग 80-100 ऑटो उपलब्ध हैं। लॉकडाउन से पहले की यदि हम बात करते है तो, कम से कम 150 ऑटो रिक्शा उसी समय स्टेशन पर मौजूद थे। ऑटो चालकों ने यह भी कहा है कि उनके पास अभी हाल के समय में कोई विकल्प नहीं दिख रहा है। जिस कारण से अभी हाल के समय में अन्य किसी भी तरह का काम करने के लिए चाहे वह कही मजदूरी ही क्यूँ न हो उनके द्वारा मजबूरी में किया जा रहा है ।

The impact of Coronavirus (COVID-19) on the automotive industry - Autocar  Indiaआंकड़ों के अनुसार से लगभग 4,000 ऑटो बेचे जा चुके हैं क्योंकि ऑटो चालकों के पास अभी फिलहाल उतना पैसा नहीं था। निजी कैब के लिए भी स्थिति यह थी की उनकी मांग भोपाल हवाई अड्डे और स्टेशनों पर काफी अधिक हुआ करती थी, लेकिन लॉकडाउन ने उनके लिए स्थिति बदल दी है। लोगों ने मानों यहां तक ​​कि यात्रियों ने टैक्सियों का उपयोग करना बंद कर दिया है, इसलिए चीजें पूर्व-लॉकडाउन समय से बिल्कुल अलग हो गई हैं। हाल के समय में लोग हालाकीं आजकल निजी वाहनों को अधिक पसंद कर रहे हैं। यहां तक ​​कि हवाई अड्डे पर आने वाले यात्रियों को अपने दोस्तों या रिश्तेदारों को फोन करना बेहतर लग रहा है।

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