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10 नए रिएक्टरों के तैयार होने पर परमाणु ऊर्जा क्षमता होगी 22,480 मेगावॉट

भारतीय नाभिकीय विद्युत निगम द्वारा निमार्णाधीन 500 मेगावॉट क्षमता वाले प्रोटोटाइप रिएक्टर के जल्द पूरा होने और दस नए रिएक्टरों के तैयार हो जाने पर वर्ष 2031 तक देश की कुल परमाणु ऊर्जा क्षमता बढ़कर 22,480 मेगावॉट हो जाएगी। केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने गुरुवार को राज्यसभा में यह जानकारी दी। परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष
10 नए रिएक्टरों के तैयार होने पर परमाणु ऊर्जा क्षमता होगी 22,480 मेगावॉट

भारतीय नाभिकीय विद्युत निगम द्वारा निमार्णाधीन 500 मेगावॉट क्षमता वाले प्रोटोटाइप रिएक्टर के जल्द पूरा होने और दस नए रिएक्टरों के तैयार हो जाने पर वर्ष 2031 तक देश की कुल परमाणु ऊर्जा क्षमता बढ़कर 22,480 मेगावॉट हो जाएगी। केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने गुरुवार को राज्यसभा में यह जानकारी दी।

परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब में कहा, “निमार्णाधीन 500 मेगावॉट क्षमता वाले प्रोटोटाइप रिएक्टर के जल्द पूरा होने और दस नए रिएक्टरों के तैयार हो जाने पर वर्ष 2031 तक देश की कुल परमाणु ऊर्जा क्षमता बढ़कर 22,480 मेगावॉट हो जाएगी।”

सरकार ने देश में दस स्वदेशी परमाणु ऊर्जा रिएक्टर लगाने के लिए शासकीय और वित्तीय मंजूरी जून, 2017 में दी थी। इन रिएक्टरों में से प्रत्येक की क्षमता 700 मेगावॉट है। स्वदेशी तकनीकी से निर्मित ये रिएक्टर भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (एनपीसीआईएल) की ओर से लगाए जाएंगे।

यह रिएक्टर मध्य प्रदेश के चुटका में एक और दो (2 गुणा 700 मेगावॉट), हरियाणा के गोरखपुर में जीएचएवीपी तीन और चार (2 गुणा 700 मेगावॉट), कर्नाटक के कैगा में पांच और छह (2 गुणा 700 मेगावॉट), राजस्थान के माही बांसवाड़ा में एक, दो, तीन और चार (2 गुणा 700 मेगावॉट) स्थानों पर बनाए जाने प्रस्तावित हैं।

परियोजना की पूर्व तैयारियों के तहत उपरोक्त स्थानों पर भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पर्यावरणीय मंजूरी आदि गतिविधियां विभिन्न चरणों में हो रही है। कैगा और हरियाणा के गोरखपुर में रिएक्टर के लिए जमीन उपलब्ध है, जबकि चुटका और माही बांसवाड़ा में भूमि अधिग्रहण का काम लगभग पूरा होने की कगार पर है।

चुटका के एक और दो व जीएचएवीपी तीन और चार परियोजना के लिए पर्यावरण मंजूरी प्राप्त हो चुकी है। अन्य स्थानों के लिए पर्यावरण मंजूरी की प्रक्रिया विभिन्न चरणों में है। इसके अतिरिक्त निर्माण में प्रयुक्त होने वाले उपकरणों तथा मानव संसाधन नियोजन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।

न्यूज स्त्रोत आईएएनएस

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