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अक्सर कन्फ्यूजन की स्थिति बनी रहती है तो करें इस उपाय को

जयपुर। अक्सर युवावस्था में आते ही मन में विचारों का दौर शुरु होता है। युवावस्था में व्यक्ति को कई तरह की परेशानी घेरे रहती है। मन में कई तरह के विचार घर करते हैं इन विचारों में कुछ सकारात्मक विचार होते हैं तो कुछ नकारात्मक विचार होते हैं जिनके कारण मन मानसिक निराशा के दोर
अक्सर कन्फ्यूजन की स्थिति बनी रहती है तो करें इस उपाय को

जयपुर। अक्सर युवावस्था में आते ही मन में विचारों का दौर शुरु होता है। युवावस्था में व्यक्ति को कई तरह की परेशानी घेरे रहती है। मन में कई तरह के विचार घर करते हैं इन विचारों में कुछ सकारात्मक विचार होते हैं तो कुछ नकारात्मक विचार होते हैं जिनके कारण मन मानसिक निराशा के दोर में घिरा रहता है। ऐसा नहीं है कि ये किसी किसी के साथ ही होता है बल्की सभी के साथ ये परेशानी आती है। ऐसे में इस दौरान मन में कई विचार घर करते हैं जिसके कारण अक्सर जीवन में सही गलत कुछ भी समझ नहीं आता। ऐसे में  ज्योतिष के अनुसार देखा जाए तो अक्सर इस उम्र के सभी लोगों के साथ कुछ परिस्थतिया एक समान बनी रहती है। इन परिस्थितियों के कारण व्यक्ति अक्सर  कन्फ्यूज रहता है,  व्यवहार में अस्थिरता बनी रहती है,  काम में मन नहीं लगता,  कुछ रिश्ते बार-बार टूटते है। इनका कारण ज्योतिष के अनुसार हमारे ग्रहों के प्रभाव के कारण व युवावस्था में आये मानसिक विचारों के कारण होता है।

ज्योतिष के कारण मानसिक विचारों के कारण आये मानसिक अस्थिरता की समस्या के समाधान के लिए कुछ उपाय बता रहें हैं। इन उपायों को करने से इस परेशानी से बाहर निकला जा सकता है।

अक्सर कन्फ्यूजन की स्थिति बनी रहती है तो करें इस उपाय को

  • ज्योतिष के आधार पर ये समस्या राहु, शनि, बुध. चंद्र ग्रह के दोष के कारण आती हैं। कुड़ली में राहु की अशुभ स्थिति कन्फ्यूजन पैदा करती है, वहीं शनि के अशुभ प्रभाव के कारण आलस बना रहता है चंद्रमा अक्सर मानसिक अस्थिरता पैदा करता है अगर किसी की कुड़ली में बुध की स्थिती कमजोर है तो वह प्रभावित करने वाली वाणी नहीं बोलता। वैसे देखा जाए तो ये परेशानी बहुत बडी नहीं हैं लेकिन इन परेशानी के कारण अक्सर युवावस्था में कई युवा डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं। लेकिन ज्योतिष में बताएं इन उपायों को करने से इस परेशानी से निजात पाया जा सकता है।

अक्सर कन्फ्यूजन की स्थिति बनी रहती है तो करें इस उपाय को

  • रोज सुबह कम से कम 5 से 10 मिनट तक मेडिटेशन करने की आदत बनाएं। इसके साथ ही इस समय ऊँ शब्द का उच्चारण करें।ऐसा करने से पढाई में मन लगने के साथ साथ एकाग्रता भी बढेंगी।
  • आत्मविश्वास बढाने के लिए सूर्य को नियमित रुप से तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं। क्योकि सूर्य को आत्मा का कारक माना जाता हैं।
  • जब भी घर से निकले उससे पहले गणेश जी के दर्शन जरुर करें फिर घर से बाहर निकलें। ऐसा करने से बुध ग्रह का अशुभ प्रभाव कम होने लगता है।इसके साथ ही वाणी प्रभावकारी बनने लगता है।

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