जेएनयू की आइशा पर भड़के फिल्ममेकर अशोक पंडित,जानें क्यों
बॉलीवुड के गलियारो में भी काफी समय से जेएनयू का मसला गूंज रहा है सितारें इस मामले में आए दिन कुछ ना कुछ बोलते नजर आ रहे है वही जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष ने हाल ही में जामिया मिल्लिया में कश्मीर में अपने बयान से सनसनी मचा दी।जिसे लेकर हर किसी का खन खौल उठा तो वही दूसरी तरफ पिछले काफी समय से सीएए और एनआरसी का विरोध कर रहे छात्रों को भी उन्होनें अपने बयान से संबोधित किया।
अपने बयान में आइशी ने कहा कि कश्मीर को भूलकर हम अपना आंदोलन नहीं जीत सकते। संविधान के साथ छेड़छाड़ की शुरूआत कश्मीर से ही शुरू हुई।उन्होने कहा ये कश्मीर के हक की लड़ाई है। हम इससे पीछे नहीं हट सकते हैं। वहां जो लोगों के साथ हो रहा है। वह गलत हो रहा है। हर मंच से हम उनके हक की बात करेंगे।अब गौरतलब है कि आइशी अपने इस बयान से हर तरह से इस कश्मीर को लेकर बात कर रही है जिस पर फिल्ममेकर अशोक पंडित ने भी अपनी राय रखी।
उन्होनें ट्वीटर पर लिखा कि’तो साफ है इनका समर्थन आतंकियों और आतंकवाद के लिए है। सीएए और एनआरसी का प्रदर्शन तो बहाना है। कश्मीर में और पूरे देश में अराजकता फैलाना ही इनका धर्म और मकसद है। पैसे भी इसी काम के लिए मिलते हैं ना।’खैर आपको बता दे कि अपने बयानो को चलते आइशा ने आगे कहा कि जितना यह देश नेहरू और गांधी का है, उतना ती यह देश मौलाना अबुल कलाम आजाद अशफाक उल्लाह खान का भी है। हमें सावरकर और गोलवरकर का इतिहास नहीं पढ़ना है, इन्होंने अंग्रेजों से माफी मांगी थी। हमें राम प्रसाद बिस्मिल, भगतसिंह और अशफाक उल्लाह खान जैसे लोगों का इतिहास को पढ़ना है। वही आइशा ने अपनी बात खत्म करते हुए कहा कि लड़ाई जारी रहेगी और वो जामिया और एएमयू के साथ है।