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सिंघु बॉर्डर पर किसानों के उपचार व ठंड से बचने की व्यवस्था कराई : Raghav Chadha

आम आदमी पार्टी के विधायक राघव चड्ढा ने सोमवार को दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर बैठे किसानों से मुलाकात की। इस दौरान उन्हें दैनिक जरूरतों की सुविधाएं मुहैया कराई। दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे किसानों के लिए बड़ी संख्या में पानी के टैंकर लगाए गए हैं। वहां पर दिल्ली सरकार की तरफ से मेडिकल वैन
सिंघु बॉर्डर पर किसानों के उपचार व ठंड से बचने की व्यवस्था कराई : Raghav Chadha

आम आदमी पार्टी के विधायक राघव चड्ढा ने सोमवार को दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर बैठे किसानों से मुलाकात की। इस दौरान उन्हें दैनिक जरूरतों की सुविधाएं मुहैया कराई। दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे किसानों के लिए बड़ी संख्या में पानी के टैंकर लगाए गए हैं। वहां पर दिल्ली सरकार की तरफ से मेडिकल वैन मुहैया करवाई गई हैं। राघव चड्ढा ने कहा, “यहां एंबुलेंस में ब्लड प्रेशर की मशीन, थर्मामीटर और ऑक्सीमीटर आदि समेत अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं। साथ ही, किसानों के खाने के लिए लंगर की व्यवस्था की गई है। किसानों के लिए पोर्टेबल शौचालय लगा दिए गए हैं, ताकि उन्हें कोई दिक्कत न हो। इसके अलावा, किसानों को कंबल भी बांटा गया है, जिससे उन्हें ठंड में किसी तरह की परेशानी न हो।”

राघव चड्ढा ने कहा, “आंदोलनरत किसानों के लिए टैंकर और पानी की व्यवस्था बनाने के लिए आया हुआ हूं, ताकि हमारे किसान भाई-बहनों को किसी भी तरह की असुविधा न हो। हमने यहां पर किसान भाई-बहनों के लिए शौचालय की व्यवस्था कर दी है। यहां पर एक एंबुलेंस भी खड़ी करा दी गई है, जिसको दवाई लेनी हो, फस्र्ट एड कराना हो या छोटे-मोटे इलाज कराना हो, तो वह सारी व्यवस्था यहां पर कर दी गई है। दिल्ली वाले और दिल्ली सरकार देश के किसानों का स्वागत करते हैं और इस इंकलाब की आवाज में अपनी आवाज को मिलाते हुए किसानों की आवाज को और बुलंद करते हैं। केंद्र सरकार को इसे अहम की लड़ाई नहीं बनानी चाहिए। केंद्र सरकार इसको ईगो मैटर बना रही है। वह किसानों की बात ही नहीं सुन रही है। हम केंद्र सरकार से कहना चाहते हैं कि बिना शर्त हमारे किसान भाई-बहनों के साथ बात होनी चाहिए। उनकी बातें सुननी चाहिए और उनकी मांगों को कबूल करना चाहिए।”

राघव चड्ढा ने कहा कि, “किसानों और सरकार के बीच में जो संवाद है, वह किसी भी शर्त के तहत नहीं होगा। बिना किसी शर्त के अगर सरकार हमारे किसान भाई-बहनों से बात करने के लिए तैयार होती है, तभी संवाद हो सकता है। यह कैसा संवाद है कि आप कहें कि आप पहले यहां आ जाओ, फिर हम 3 दिसंबर को बात करेंगे।”

न्यूज स्त्रोत आईएएनएस

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