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बिगड़ते संबंधों को सुधारने Army chief Narwane जाएंगे नेपाल

द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे नवंबर में दो दिनों की यात्रा पर नेपाल का दौरा करेंगे। 4-6 नवंबर के बीच अपनी यात्रा के दौरान, नरवणे अपने नेपाली समकक्ष जनरल पूर्ण चंद्र थापा, राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी और प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली से मुलाकात करेंगे। नरवणे को
बिगड़ते संबंधों को सुधारने Army chief Narwane जाएंगे नेपाल

द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे नवंबर में दो दिनों की यात्रा पर नेपाल का दौरा करेंगे।

4-6 नवंबर के बीच अपनी यात्रा के दौरान, नरवणे अपने नेपाली समकक्ष जनरल पूर्ण चंद्र थापा, राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी और प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली से मुलाकात करेंगे।

नरवणे को एक विशेष समारोह में नेपाली सेना के जनरल के मानद पद से भी सम्मानित किया जाएगा।

उनकी यात्रा दोनों देशों के बीच संबंधों को फिर से स्थापित करने और रक्षा सहयोग में नए रास्ते तलाशने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। दो दिन पहले ही रिसर्च एवं अनालिसिस विंग (रॉ) के प्रमुख सामंत कुमार गोयल काठमांडू का दौरा कर चुके हैं। वहां उन्होंने ओली से भी मुलाकात की थी।

ओली के साथ गोयल की बातचीत दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को बिना किसी रुकावट के जारी रखना और बातचीत के माध्यम से सभी द्विपक्षीय मुद्दों को हल करने पर केंद्रित थी।

भारत और नेपाल के संबंध हाल के दिनों में तब से तनावपूर्ण हो गया जब चीन नेपाल में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है।

दोनों देशों के बीच संबंध उस समय बिगड़ गए जब भारत 17,000 फीट की ऊंचाई पर लिपुलेख क्षेत्र में सड़क निर्माण करने लगा, क्योंकि काठमांडू इस क्षेत्र को अपना क्षेत्र होने का दावा करता है। यह सड़क निर्माण कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्रियों के समय की बचत के लिए किया जा रहा है।

लिपुलेख भारत, नेपाल और चीन के बीच एक ट्राइ-जंक्शन पर है जो उत्तराखंड में कालापानी घाटी में स्थित है। इसके बाद, नेपाल ने इस इलाके को अपना दिखाने के लिए एक नया राजनीतिक नक्शा निकाला। भारत ने इस नए नक्शे को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह ऐतिहासिक तथ्यों या सबूतों पर आधारित नहीं है।

भारत और नेपाल के बीच तनाव को देखते हुए, पहले से ही लद्दाख में भारत के साथ सीमा विवाद में उलझे चीन ने लिपुलेख में अपनी सेना की तैनाती बढ़ा दी।

चीन ने अपने 150वें लाइट कंबाइंड आर्म्स ब्रिगेड को अगस्त में लिपुलेख ट्राइ-जंक्शन में स्थानांतरित कर दिया, जबकि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने भारतीय सीमा से लगभग 10 किमी दूर पाला में भी सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी।

जुलाई में ही, पाला के पास लगभग 1,000 सैनिक तैनात किए गए और चीन ने एक स्थायी चौकी भी बनाई। अगस्त में, इस पोस्ट पर 2,000 और अतिरिक्त सैनिकों को तैनात किया गया था।

न्यूज स्त्रोत आईएएनएस

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