फिल्म: बुलबुल
कलाकार: तृप्ति डिमरी, राहुल बोस, अविनाश तिवारी, पाओली डैम
निर्देशन: अन्विता दत्ता
समय अवधि: 1 घंटे 34 मिनट
रिलीज प्लेटफार्म: नेटफ्लिक्स
बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री अनुष्का शर्मा इन दिनों फिल्मों में अभिनय नहीं बल्कि इस वक्त प्रोड्यूसर के तौर पर जोर दे रही है। यही कारण है कि वो एक के बाद एक अपने कई प्रोजेक्ट का ऐलान करती जा रही है। कुछ समय पहले ही अनुष्का शर्मा की वेब सीरीज पाताल लोक रिलीज हुई थी जिसको दर्शकों ने काफी पसंद किया था। अब उनकी फिल्म बुलबुल रिलीज हो चुकी है। जो पिछले काफी समय से लगातार चर्चा में बनी हुई थी। अगर आप इस फिल्म को देखने का मन बना रहे हैं तो इससे पहले इसका रिव्यू जान लें।
कहानी
अगर हम फिल्म बुलबुल की कहानी की बात करें तो इसकी कहानी एक बड़ी सी हवेली और इसके राज के ईद गिर्द घूमती हुई नजर आती है। जहां पर एक परिवार होता है। परिवार में एक बेटी बुलबुल ‘तृप्ति डिमरी’ होती है जिसकी शादी की तैयारियां चल रही होती है जिसकी शादी उससे खुद से कई बड़े बड़े लड़के महेंद्र ‘राहुल बोस’ से उसकी शादी हो जाती है। जबकि बुलबुल तो सत्या ‘अविनाश तिवारी’ से प्यार करती है। ऐसे में बुलबुल की शादी जब महेंद्र से होती है तो वो उससे पूछती है कि मेरा पति कहा है तो महेद्र कहता है वही उसका पति है। तो वो कहती है नहीं वो तो उसकी हम उम्र का है। सत्या कहीं चला जाता है जिसकी जानकारी बुलबुल को नहीं होती है। लंबे समय तक इन दोनों की मुलाकात नहीं हो पाती है लेकिन बाद में जब सत्या वापस आता है तो काफी कुछ बदल चुका होता है। उसी बड़ी सी हवेली में किसी भूत का साया होता है जो एक एक करके सबकी जान लेता है। ऐसे में सत्या इन सबसे कैसे निपटेगा तो फिल्म देखने के बाद ही पता चलेगा।
अभिनय
अगर हम बात करें कलाकारों के अभिनय की तो तृप्ति डिमरी, राहुल बोस, अविनाश तिवारी, पाओली डैम ने अपने अपने किरदार के साथ न्याय किया है। अभिनेता राहुल बोस को लंबे समय बाद फिल्मी परदे पर देखना उनके चाहने वालों को लिए एक बड़ा सरप्राइज होगा। फिल्म की कहानी के अनुसार जैसे अभिनय की मांग थी कलाकारों ने वैसा ही किया है। तृप्ति का अभिनय दर्शकों का ध्यान खींचने में कामयाब होगा। राहुल बोस का अभिनय भी शानदार है। सत्या के रोल में अविनाश तिवारी भी अच्छा काम करते नजर आ रहे हैं।
क्यों देखें फिल्म
अगर आप हॉरर फिल्मों को देखने का शौक रखते हैं तो आपको ये फिल्म जरूर देखनी चाहिए। ये कहा जा सकता है कि एक अलग तरह की कहानी को परदे पर दिखाने की कोशिश की गई है जो कुछ हद तक सफल भी होती है। इस फिल्म को कुछ पसंद कर सकते है वहीं कुछ को ये बिल्कुल पसंद नहीं आएगी। फिल्म की पिक्चराइजेशन भी परफेक्ट है। इसकी कहानी काफी शानदार है जो आपको अंत तक हिलने नहीं देगी।
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