बॉलीवुड में नेपोटिज्म पर पहली बार बोलें अनुराग कश्यप, आपको सुननी चाहिए बात
इस वक्त बॉलीवुड के मशहूर डायरेक्टर अनुराग कश्यप चर्चा में बने हुए हैं। हाल ही में अनुराग कश्यप ने एक इंटरव्यू दिया है। जो इस वक्त चर्चा का विषय बना हुआ है। अनुराग कश्यप ने इस दौरान कई बड़े और हैरान करने वाला खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि वो पर्सनल लाइफ में साइलेंट पर्सन है। अनुराग कश्यप ने पत्रकार नीलेश मिश्रा से बातचीत में एक सवाल का जवाब देते हुए बताया कि, “मैं पहले करण जौहर को बहुत बातें सुनाता था। मैं सोचता था जो मुझे नहीं मिल रहा है। दूसरे को मिल रहा है तो बस वो गलत है। करण को हमेशा में एक प्रिवलेज इंसान समझता था। जिसे बचपन से सब मिला है लेकिन बाद में जब मैंने उसे करीब से जाना तो हां वो प्रिवलेज तो था।”
लेकिन वो भी तो वही काम करता है जो मैं करता हूं। करण को जो समझ आता है, वो उसे बनाता है। जो मुझे समझ आता है मैं बनाता हूं। लोग मुझसे कहते हैं कि आप तो हमारे लीडर थे, अब उनके साथ हैं। मैं हमेशा खुद को विक्टिम बनाकर रखना पसंद करता था लेकिन अब ऐसा नहीं है।
नेपोटिज्म पर बात करते हुए अनुराग ने कहा कि, ‘जब मैं नेपोटिज्म की डिबेट सुनता हूं तो सोचता हूं। उसमें खामी नहीं है क्योंकि मैंने भी हमेशा उसी के साथ काम किया है जिस पर पूरी तरह से भरोसा है। भले वो मेरी पैदाइश नहीं हैं। वो मेरे भाई-भतीजे नहीं हैं लेकिन जो ‘भरोसा’ है वो भी तो नेपोटिज्म ही है। मैंने भी किसी बिल्कुल नए अनजान चेहरे को काम नहीं दिया।’
जब नेपोटिज्म की डिबेट होती है कहते हैं आउटसाइडर को काम नहीं मिलता। लेकिन जब आउटसाइडर काम मिलने के बाद इंसाइडर हो जाते हैं। तब वो अपना काम संभालने के लिए अपने ही किसी को लाते हैं। किसी अनजान पर तो वो भी भरोसा नहीं करते हैं। वो भी नेपोटिज्म ही हुआ।
अनुराग ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि, शुरुआत में मैंने अमिताभ बच्चन और अभिषेक को क्या-क्या नहीं बोला। बाद दोनों के साथ फिल्म बनाई। मैं बतौर एक्टर अमित जी की पहले भी बहुत रिस्पेक्ट करता था। लेकिन मैं जितना खुद को अंडर डॉग, अन प्रिवलेज मानता था, मैं अंदर वालों से खार खाता था। इसको काम क्यों मिल रहा है।