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Amalaki ekadashi vrat katha: आमलकी एकादशी पर जरूर पढ़ें ये व्रत कथा, जानिए इस व्रत का प्रभाव

हिंदू धर्म पंचांग के अनुसार आमलकी एकादशी फाल्गुन मास के कृष्ण शुक्ल पक्ष को मनाई जाती हैं यह हर साल फरवरी और मार्च के महीने में पड़ती हैं इस बार आमलकी एकादशी का व्रत 25 मार्च को रखा जाएगा। इस एकादशी को आंवला एकादशी भी कहा जाता हैं आमलकी एकादशी के दिन भगवान श्री विष्णु
Amalaki ekadashi vrat katha: आमलकी एकादशी पर जरूर पढ़ें ये व्रत कथा, जानिए इस व्रत का प्रभाव

हिंदू धर्म पंचांग के अनुसार आमलकी एकादशी फाल्गुन मास के कृष्ण शुक्ल पक्ष को मनाई जाती हैं यह हर साल फरवरी और मार्च के महीने में पड़ती हैं इस बार आमलकी एकादशी का व्रत 25 मार्च को रखा जाएगा।Amalaki ekadashi vrat katha: आमलकी एकादशी पर जरूर पढ़ें ये व्रत कथा, जानिए इस व्रत का प्रभाव इस एकादशी को आंवला एकादशी भी कहा जाता हैं आमलकी एकादशी के दिन भगवान श्री विष्णु की विधिव्रत पूजा की जाती हैं ऐसा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न हो जाते हैं तो आज हम आपको आमलकी एकादशी से जुड़ी व्रत कथा बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।Amalaki ekadashi vrat katha: आमलकी एकादशी पर जरूर पढ़ें ये व्रत कथा, जानिए इस व्रत का प्रभाव

जानिए आमलकी एकादशी व्रत कथा—
प्राचीन काल में चित्रसेन नामक राजा राज्य करता था। उसके राज्य में एकादशी व्रत का बहुत अधिक महत्व था और सभी प्रजाजन एकादशी का व्रत करते थे। वहीं राजा की आमलकी एकादशी के प्रति बहुत श्रद्धा थी। एक दिन राजा शिकार करते हुए जंगल में बहुत दूर निकल गया। तभी कुछ जंगली और पहाड़ी डाकूओं ने राजा को घेर लिया। इसके बाद डाकूओं ने शास्त्रों से राजा पर हमला कर दिया मगर देव कृपा से राजा पर जो भी शस्त्र चलाए जाते वो पुष्प में बदल जाते।Amalaki ekadashi vrat katha: आमलकी एकादशी पर जरूर पढ़ें ये व्रत कथा, जानिए इस व्रत का प्रभाव

डाकूओं की संख्या अधिक होने से राजा संज्ञाहीन होकर धरती पर गिर गए। तभी राजा के शरीर से एक दिव्य शक्ति प्रकट हुई और समस्त राक्षसों को मारकर अद्दश्य हो गई। जब राजा की चेतना लौअी तो, उसने सभी राक्षसों का मरा हुआ पाया।Amalaki ekadashi vrat katha: आमलकी एकादशी पर जरूर पढ़ें ये व्रत कथा, जानिए इस व्रत का प्रभाव यह देख राजा को आश्चर्य हुआ कि इन डाकुओं को किसने मारा। तभी आकाशवाणी हुई हे राजन यह सब राक्षस तुम्हारे आमलकी एकादशी व्रत करने के प्रभाव से मारे गए हैं तुम्हारी देह से उत्पन्न आमलकी एकादशी की वैष्णवी शक्ति ने इसका संहाकर किया हैं इन्हें मारकर वहां पुन: तुम्हारे शरीर में प्रवेश कर गई। यह सुनकर राजा प्रसन्न हुआ और वापस लौटकर राज्य में सबको एकादशी का महत्व बताया।Amalaki ekadashi vrat katha: आमलकी एकादशी पर जरूर पढ़ें ये व्रत कथा, जानिए इस व्रत का प्रभाव

 

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