इसलिए एयर इंडिया को लेकर दिल्ली में जुटेंगे श्रमिक संगठन
एयर इंडिया के निजीकरण की सोमवार को निविदा जारी कर दी गई। मोदी सरकार एयर इंडिया को निजी हाथों में देने के लिए तैयारी करने में जुटी है। इस निजीकरण को लेकर कंपनी के विभिन्न श्रमिक संगठन यहा बैठक करेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मोदी सरकार एयर इंडिया में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के ऐलान के लिए बैठक बुलाई गई है। करोड़ों के घाटे से जूझ रही एयर इंडिया को निजी हाथों में सौंपने की प्रक्रिया कई दिनों से चल रही थी। कंपनी की हिस्सेदारी बेचने के लिए इच्छुक निवेशकों से 17 मार्च तक रुचि पत्र मांगे गए हैं। अब एअर इंडिया पर महज 18,000 करोड़ रुपये के कर्ज से जूझ रही है।
पहले भी सरकार ने एयर इंडिया को बेचने की कोशिश की थी अब ये दूसरी बार सरकार का प्रयास है। पिछली बार सरकार का यह प्रयास असफल रहा था। वर्ष 2018 में सरकार ने एयर इंडिया में 76 प्रतिशत हिस्सेदारी और प्रबंधकीय नियंत्रण निजी हाथों में देने के लिए निविदा जारी की थी। दरअसल, एयर इंडिया को बेचने के लिए केंद्र सरकार ने प्रारंभिक जानकारी वाला मेमोरेंडम जारी किया है। इस प्रस्ताव के विरोध में बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी खड़े हो गए हैं।
सांसद सुब्रमण्यमी का बयान इस वजह से महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि बीजेपी पार्टी के ही नेता ने एयर इंडिया को बेचने को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। एयर इंडिया की नीलामी में शामिल होने के लिए कई विदेशी कंपनियां भी इंडियन कंपनियों से साझेदारी कर सकती हैं। इससे पहले भी एयर इंडिया को लेकर बोली लगाई गई थी लेकिन, बोली प्रक्रिया जटिल होने के कारण खरीदार कंपनियों ने रूची नहीं दिखाई थी।