एम्स की स्टडी का दावा हर्बल दवाएं कर रही है एलोपेथिक दवाओं से बेहतर असर
जयपुर । आयुर्वेद हो या हर्बल दवाएं हो या फिर हों एलोपेथिक और होम्यो पथिक दवाएं सभी दवाएं मरीज को ठीक करने का काम करती हैं। यह सभी उपचार करने की पद्धति है पर आज हम बात कर रहे हैं हर्बल दवाओं की जिससे उपचार करने का कोई साइंटिफिक रीज़न अब तक किसी को मालूम नही था । खास कर हर्बल दवाओं का । पर यह दवाएं असल मेन बहुत कारगर होती है इस बात को मानना भी जरूरी सा हो गया तब जब इन दवाओं के पहले उपयोग से ही मरीजों पर काफी असर देखने को मिला ।
इस बात का दावा खुद एम्स की स्टडी ने तब किया जब उन्होने पाया की जो हर्बल दवाएं ट्राइबल एरिया के लोगों नें सुपरफीशल बर्न से पीड़ित मरीजों पर पहली बार के सारा मेन ही काम करने लगी । इतना ही नही उन्होने इस नेचुरल हर्बल उपचार के असर को देखने के लिए एम्स के बर्न विभाग के 60 मरीजों पर किया गया ।
बहुत ज्यादा गंभीर घाव के लोगों पर इसका परीक्षण नही किया गया क्योंकि इसके साइंटिफिक सबूत उनके पास नहीं थे इसलिए 30-30 के दो ग्रुप मे लोगों को बांटा गया । एक को एलोपेथिक दवाएं दी गई और एक ग्रुप पर हर्बल उपचार किया गया । इस परीक्षण में जो परिणाम सामने आए वह बहुत ही आश्चर्य जनक थे । जितनी मरीजों पर एलोपेथिक दवाएं असर कर रही थी उतना ही हर्बल उपचार ने भी असर किया किसी किसी मरीज पर थ्द ज्यादा सर भी हुआ ।
इतना ही नही इसका कोई साइड इफेक्ट न हो इस बात का भी डर था । जो की परीक्षण के बाद दूर हो ज्ञ की इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं और साथ ही यह दवाएं बहुत महंगी भी नही है । यानि सस्ते इलाज़ से बर्न जैसी स्थिति और घाव को हर्बल उपचार से जल्द से जल्द ठीक किया जा सकता है ।