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आखिर शिव को इतना प्रिय क्यों है श्रावण मास

पौराणिक मान्यता के अनुसार श्रावण को भगवान शंकर का महीना माना जाता है। यही कारण है कि लोग इस महीने में 30 दिनों तक भदवान शिव की पूजा करते हैं। हिन्दू धर्म में इसके पीछे एक पौराणिक कथा है। आज हम आपको इस आर्टिकल में उस कथा के बारे में बताने जा रहे हैं।
आखिर शिव को इतना प्रिय क्यों है श्रावण मास

जयपुर । पौराणिक मान्यता के अनुसार श्रावण को भगवान शंकर का महीना माना जाता है। यही कारण है कि लोग इस महीने में 30 दिनों तक भदवान शिव की पूजा करते हैं। हिन्दू धर्म में इसके पीछे  एक पौराणिक कथा है। आज हम आपको इस आर्टिकल में उस कथा के बारे में बताने जा रहे हैं।
आखिर शिव को इतना प्रिय क्यों है श्रावण मास
शास्त्रों के अनुसार जब सनत कुमारों ने महादेव से उन्हें श्रावण महीना प्रिय होने का कारण पूछा तो महादेव भगवान शिव ने बताया कि जब देवी सती ने अपने पिता दक्ष के घर में योगशक्ति से शरीर त्याग किया था, उससे पहले देवी सती ने महादेव को हर जन्म में पति के रूप में पाने का प्रण किया था।
आखिर शिव को इतना प्रिय क्यों है श्रावण मास
अपने दूसरे जन्म में देवी सती ने पार्वती के नाम से हिमाचल और रानी मैना के घर में पुत्री के रूप में जन्म लिया। पार्वती ने युवावस्था के श्रावण महीने में निराहार रह कर कठोर व्रत किया और उन्हें प्रसन्न कर विवाह किया, जिसके बाद ही महादेव के लिए यह विशेष हो गया।
आखिर शिव को इतना प्रिय क्यों है श्रावण मास
यही कारण है कि श्रावण के महीने में भगवान शंकर की विशेष रूप से पूजा की जाती है। तथा महादेव को अभिषेक जल, दूध, दही, घी, शक्कर, शहद, गंगाजल, गन्ना रस आदि से स्नान कराया जाता है। अभिषेक के बाद बेलपत्र, समीपत्र, दूब, कुशा, कमल, नीलकमल, ऑक मदार, जंवाफूल कनेर, राई फूल आदि से शिवजी को प्रसन्न किया जाता है। इसके साथ की भोग के रूप में धतूरा, भाँग और श्रीफल महादेव को चढ़ाया जाता है।
आखिर शिव को इतना प्रिय क्यों है श्रावण मास

पौराणिक मान्यता के अनुसार श्रावण को भगवान शंकर का महीना माना जाता है। यही कारण है कि लोग इस महीने में 30 दिनों तक भदवान शिव की पूजा करते हैं। हिन्दू धर्म में इसके पीछे  एक पौराणिक कथा है। आज हम आपको इस आर्टिकल में उस कथा के बारे में बताने जा रहे हैं। आखिर शिव को इतना प्रिय क्यों है श्रावण मास

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