शकुन शास्त्र के जानिए इन संकेतों के बारे में जो देते भविष्य की चेतावनी
जयपुर। हिन्दू धर्म के शास्त्रों में कई सारी ऐसी बातें बताई गई हैं जिसका संबंध भविष्य से जुड़ा है। शास्त्रों में भविष्यवाणी को लेकर तरह तरह के संकेत दिये गये हैं। इसके साथ ही इस संबंध में प्राचीन समय के लोगो का अपना अनुभव भी है, जिस आधार पर यह संकेत एक पीड़ी से दूसरी पीड़ी में हस्तांतरित हो रहा है। आज हम इस लेख में कुछ ऐसी ही बातों को आपके साथ साझा कर रहें हैं।
- शकुन शास्त्र में ऐसा माना जाता है अगर चींटी दाना इकट्ठा करती है और यदि तीतर चुग जाता है तो यह अपशकुन है।
- ऐसा माना जाता है कि जिस पेड़ पर बगुला बैठ जाता है उस पेड़ का नाश होता है।
- अगर गिरगिट नीचे की ओर मुंह करके उल्टा पेड़ पर चढ़े तो वर्षा से पृथ्वी डूब जाएगी।
- सात दांतों का बैल अपने स्वामी को खा जाता है और 9 दांतों का बैल स्वामी और उसके परिवार को खा जाता है।इसका तात्पर्य यह है कि वह परिवार के लिए हानिकारक होता है।
- प्रात:काल उठते ही बेड पर ही थोड़ा-सा बासी पानी पिएं और अपने दोनों हाथों को देखें तो वह व्यक्ति कभी बीमार नहीं होता।
- चैत्र में गुड़, वैशाख में तेल, जेष्ठ में रास्ता चलना, आषाढ़ में बिल्व (बेल फल), सावन में साग, भादौ में दही, अस्सू में दूध, कार्तिक में मट्ठा, अगहन में जीरा, पौष में धनिया, माघ में मिश्री, फागुन में चना चबाना, बड़ा ही हानिकारक है।
- अगर माघ माह में बादलों का रंग लाल हो तो अवश्य ही ओला पड़ता है।
- होली, लोहड़ी और दिवाली जिस वर्ष में क्रमश: शनि, रवि, मंगलवार में हो तो देश में बड़ी भारी बीमारी लगती है।