Samachar Nama
×

खेती ऑर्डिनेंस बिल का विरोध करेगी Aam Aadmi Party

आम आदमी पार्टी संसद के अंदर खेती ऑर्डिनेंस बिल का विरोध करेगी। आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि यह बिल एग्रीकल्चर को प्राइवेट सेक्टर के हाथों में देने के लिए लाया गया हैं। जिससे गेंहू और धान की एमएसपी खत्म हो जाएगी। खेती आर्डिनेंस बिल पर आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार के
खेती ऑर्डिनेंस बिल का विरोध करेगी Aam Aadmi Party

आम आदमी पार्टी संसद के अंदर खेती ऑर्डिनेंस बिल का विरोध करेगी। आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि यह बिल एग्रीकल्चर को प्राइवेट सेक्टर के हाथों में देने के लिए लाया गया हैं। जिससे गेंहू और धान की एमएसपी खत्म हो जाएगी। खेती आर्डिनेंस बिल पर आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार के साथ-साथ पंजाब की अमरिंदर सरकार और अकाली दल पर भी सवाल खड़े किए हैं।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष Adesh Gupta कोरोना से संक्रमित

आम आदमी पार्टी सांसद भगवंत मान ने कहा, “जब केंद्रीय कैबिनेट में बिल पेश किया गया तो कुर्सी बचाने के लिए हरसिमरत बादल ने विरोध नहीं किया गया। पंजाब के मुख्यमंत्री भी इस बिल को लाने वाली कमिटी में शामिल थे। अकाली दल और कांग्रेस दोनों किसानों को गुमराह कर रहे हैं।”

भगवंत मान के मुताबिक आम आदमी पार्टी इस बिल का संसद में जबरदस्त विरोध करेगी। भगवंत मान ने कहा, “यह बिल एग्रीकल्चर को प्राइवेट सेक्टर के हाथों में देने के लिए लाया गया है। जिससे गेंहू और धान की एमएसपी खत्म हो जाएगी। देश की जीडीपी इस बार माइनस 23.9 प्रतिशत गिरी है। सारे सेक्टर में बस खेती ही ऐसा सेक्टर है, जो पॉजिटिव है, आप उसे भी बेच रहे है।”

भगवंत मान ने कहा, “किसानों की जिंदगी मुश्किल करने के लिए जो खेती आर्डिनेंस लाया गया है। वो बहुत ही निराशाजनक है। पंजाब में किसानों ने कई बार शिरोमणि अकाली दल को वोट दिया लेकिन जब किसानों के हितों की रक्षा की बात आई तो, उनके हक में शिरोमणि दल ने 4 वोट नहीं डाले।”

वही आम आदमी पार्टी के विधायक और पंजाब के प्रभारी जनैरल सिंह ने कहा, “जय जवान, जय किसान का नारा देने वाले देश में इस प्रकार का ऑर्डिनेंस किसानों के ऊपर एक अत्याचार है। हम इसके विरोध में है, आम आदमी पार्टी किसानों के हक में अपनी आवाज बुलंद करेगी।”

पंजाब से आम आदमी पार्टी सांसद भगवंत मान ने कहा, “इस बिल में कहा गया है कि यह किसानों के लिए एक क्रांतिकारी बिल है। हमारे देश में 80 फीसदी लोग खेती पर निर्भर हैं। गांव में रहते हैं, लेकिन अब उसको भी प्राइवेट हाथों में देने के लिए यह बिल लाया गया है। प्राइवेट प्लेयर्स को खुली छूट दी गई है कि आप आइए और खेती का जो सेक्टर है उसमें काम कीजिए। पंजाब,हरियाणा, राजस्थान में इस बिल का विरोध हो रहा है, क्योंकि इसके पास होने से बड़े-बड़े पूंजीपति 10,000 या 15,000 एकड़ के क्लस्टर बनाएंगे और कहीं से भी फसल खरीद कर देश के किसी भी हिस्से में ले जाकर स्टोर कर सकेंगे।”

न्यूज स्त्रोत आईएएनएस

Share this story