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भारत का एक राजकुमार जो खुद है ‘गे’, और 15 एकड़ में बनवा रहा है समलैंगिकों के लिए आश्रम

जयपुर। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत के सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को देश में समलैंगिकता के संबंधों पर ऐतिहासिक फैसला दिया है। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अगुवाई में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने वयस्कों के बीच सहमति से बनाए गए समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया
भारत का एक राजकुमार जो खुद है ‘गे’, और 15 एकड़ में बनवा रहा है समलैंगिकों के लिए आश्रम

जयपुर। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत के सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को देश में समलैंगिकता के संबंधों पर ऐतिहासिक फैसला दिया है। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अगुवाई में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने वयस्कों के बीच सहमति से बनाए गए समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया है। आपको बता दें कि पहले भारत में धारा 377 के तहत समलैंगिक संबंघों को अपराध की श्रेणी में माना जाता था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि बहुतमत से सभी चीज़ें नहीं चल सकती हमें सभी को समान अधिकार देते हुए साथ चलना होगा। जिसके बाद अब सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला लोग और समाज की सोच को बदले में कारगर साबित होगा।
भारत का एक राजकुमार जो खुद है ‘गे’, और 15 एकड़ में बनवा रहा है समलैंगिकों के लिए आश्रम
हमारे देश में समलैंगिक लोग खुद को समाज के सामने उजागर करने से बचते हैं। लेकिन हमारे देश में एक ऐसा भी शख्स है जिसने खुले तौर पर खुद का ‘गे’ होना स्वीकार किया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अजमेर के राजघराने से ताल्लुक रखने वाले मानवेंद्र सिंह ने समाज के सामने खुद के गे होने की बात को कुबुल किया है।
भारत का एक राजकुमार जो खुद है ‘गे’, और 15 एकड़ में बनवा रहा है समलैंगिकों के लिए आश्रम
आपको बता दें कि मानवेंद्र का बचपन और बच्चों की तरह ही बीता था। बाद में मानवेंद्र ने मुंबई स्कॉटिश स्कूल और अमृत बेन जीवन लाल कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनोमिक्स से अपनी पढ़ाई पूरी की। मानवेंद्र सिंह गोहिल ने बताया कि उन्हें अपनी यौन इच्छा के बार में कुछ पता नहीं था। उन्हें लग रहा था कि शादी के बाद चीजें ठीक हो जाएंगी और उनका परिवार होगा।
भारत का एक राजकुमार जो खुद है ‘गे’, और 15 एकड़ में बनवा रहा है समलैंगिकों के लिए आश्रम
जिसके बाद साल 1991 में मानवेंद्र की शादी मध्यप्रदेश के झाबुआ की रहने वाली चंद्रेश कुमारी से हो गई। शादी के एक साल के बाद ही 1992 में मानवेंद्र और उनकी पत्नी अलग हो गए। शादी टूटने का असली कारण मानवेंद्र का समलैंगिक होना था। मानवेंद्र ने शुरुआत में तो यह बात समाज तथा लोगों से छुपाए रखी। लेकिन 2002 में जब मानवेंद्र को मानसिक तनाव के चलते अस्पताल में भर्ती होना पड़ा तो फिर डॉक्टर ने समलैंगिक होने की बात उनके परिजनों को बताई। इसके बाद 2005 में वडोदरा के पत्रकार मानवेंद्र से मिलते हैं और फिर मार्च 2006 में ये बात एक अखबार के जरिए यह बात सबके सामने आई कि अजमेर के प्रिंस मानवेंद्र समलैंगिक हैं।
भारत का एक राजकुमार जो खुद है ‘गे’, और 15 एकड़ में बनवा रहा है समलैंगिकों के लिए आश्रम

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