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एक मानव शरीर से 100 लोगों को नया जीवन दिया जा सकता है, जानिए यह तथ्य

जयपुर। इंसानी शरीर कायनात की एक ऐसी नायाब कृति है जिसका कोई मुकाबला ही नहीं है। जी हां, दुनिया की कोई भी तकनीक मानवीय शरीर की बराबरी नहीं कर सकती है। गौर किया जाए तो हमारे शरीर में इतनी अलग अलग तरह की जटिलताएं मौजूद हैं कि आज तक भी उसका कोई विकल्प विकसित नहीं
एक मानव शरीर से 100 लोगों को नया जीवन दिया जा सकता है, जानिए यह तथ्य

जयपुर। इंसानी शरीर कायनात की एक ऐसी नायाब कृति है जिसका कोई मुकाबला ही नहीं है। जी हां, दुनिया की कोई भी तकनीक मानवीय शरीर की बराबरी नहीं कर सकती है। गौर किया जाए तो हमारे शरीर में इतनी अलग अलग तरह की जटिलताएं मौजूद हैं कि आज तक भी उसका कोई विकल्प विकसित नहीं हो पाया है। भले की तकनीकी स्तर पर हम किसी भी स्तर पर पहुंच जाए मगर कुदरत के इस नायाब नमूने के आगे नतमस्तक होने के अलावा और कोई चारा नहीं है।

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लेकिन क्या आप जानते है कि एक इंसानी शरीर से कई लोगो को नया जीवन दिया जा सकता है। वैसे तो अंगदान के बारे में तो आपने सुना ही होगा। मगर बहुत ही कम लोगों को यह मालूम होगा कि एक मानव शरीर के विभिन्न अंगों से 100 लोगों को नई लाइफ तोहफे में दी जा सकती है। जी हां, इस आँखें खोल देने वाले खुलासे के बाद भी अगर कोई इंसान अंगदान करने का संकल्प लेत है तो फिर उसका इंसान होना ही बेकार है। क्योंकि वो इंसान ही क्या जो इंसानियत के बिना अपना जीवन गुज़ार दे।एक मानव शरीर से 100 लोगों को नया जीवन दिया जा सकता है, जानिए यह तथ्य

कुदरत ने काफी फुर्सत में इंसानी शरीर के हर एक पुर्जे को बनाया है। इस बेनज़ीर कारीगरी के लिए ऊपरवाले को जितना भी धन्यवाद दिया जाए उतना कम है। क्योंकि यह शरीर ही है जो हमें सारी उम्र चलाता रहता है। मगर ज्यादातर लोग नहीं जानते है कि मरते समय आंखें, दिल, वॉल्व, खून की नसें, धमनियां, हड्डियां, त्वचा, मांसपेशियां, चेहरे और उंगलियों का दान करके कोई भी इंसान 100 नये लोगों की ज़िंदगी बचा सकता है।एक मानव शरीर से 100 लोगों को नया जीवन दिया जा सकता है, जानिए यह तथ्य

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हालांकि अंग दान करने को लेकर अब भी भारतीय समाज में काफी भ्रांतिया प्रचलित हैं। ज्यादातर लोगों को लगता है कि इससे मृतक का शरीर विकृत हो सकता है। साथ ही कुछ लोग तो इसे अपने धर्म से जोड़ देते हैं। लेकिन इस महादान से पल्ला छाड़ने वाले के लिए यह लेख एक सीख की तरह है। जो चाहे तो अब भी अपनी गलती सुधार सकते हैं। लेकिन इस बात की अहमियत का पता उन्हें तब चलेगा जब उनका कोई अपना मौत के मुंह में जा रहा होगा।

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