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एक ऐसा देश,जहां पर लोग जीते है डर के साये में,कभी भी वक्त मौत दे सकती है दस्तक

जयपुर, हमारी दुनिया बहुत बड़ी है। यहां पर कई ऐसे स्थान है जहां पर हमेशा खतरा मंडराता रहता है। इन जगहों के बारे में जानने के लिए हमेशा उत्साहीत रहते है। लेकिन जब उनका जवाब नहीं मिलता है तो वो एक रहस्य बन कर रह जाती है। आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे
एक ऐसा देश,जहां पर लोग जीते है डर के साये में,कभी भी वक्त मौत दे सकती है दस्तक

जयपुर, हमारी दुनिया बहुत बड़ी है। यहां पर कई ऐसे स्थान है जहां पर हमेशा खतरा मंडराता रहता है। इन जगहों के बारे में जानने के लिए हमेशा उत्साहीत रहते है। लेकिन जब उनका जवाब नहीं मिलता है तो वो एक रहस्य बन कर रह जाती है। एक ऐसा देश,जहां पर लोग जीते है डर के साये में,कभी भी वक्त मौत दे सकती है दस्तकआज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे है जहां पर हर वक्त मौत दहलीज पर खड़ी रहती है। हमेशा यहां के लोग डर के साये में ही जीवन बिताते है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हम बात कर रहे है मेट्समोर की। जो किसी समय में दुनिया का सबसे खतरनाक न्यूक्लियर पावर प्लांट हुआ करता था।एक ऐसा देश,जहां पर लोग जीते है डर के साये में,कभी भी वक्त मौत दे सकती है दस्तक यह भूंकप के लिहाज से बेहद ही संवेदनशील माना जाता है। ये अर्मेनिया की राजधानी येरेवन से 35 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। यहां पर 1988 में सब तहसनहस हो गया था। उस समय 6.8 तीव्रता के भूकंप के कारण तबाही मच गई थी। इस भूकंप से यहां पर 25 हजार लोग मौत घाट उतर गए थे। एक ऐसा देश,जहां पर लोग जीते है डर के साये में,कभी भी वक्त मौत दे सकती है दस्तकइन्ही कारणों के चलते इस पावर प्लांट को बंद कर दिया गया था। इस पावर प्लांट को बंद करने के बाद इस क्षेत्र को भारी बिजली संकट का सामना करना पड़ा था। इसी के चलते पूरे देश में लाइट भी राशन के जरीए दी जा रही थी। देश में हर घंटे लोगों को लाइट दी जा रही थी। एक ऐसा देश,जहां पर लोग जीते है डर के साये में,कभी भी वक्त मौत दे सकती है दस्तकइस देश की आबादी करीब 10,000 लोगों की है। रिएंक्टर के कूलिंग टावर से करीब 5 किलोमीटर दूर बने अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों को बिजली की कमी और प्लांट के संभावित खतरे के बीच रहते है।

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