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96 दिन में 61 लाख 68 हजार को ही लगा टीका, 18+ के 5 करोड़ 34 लाख 51 हजार 606 लोगों को दो डोज देने में लगेंगे 500 दिन

भारत सरकार ने 1 मई से 18 साल से ऊपर के लोगों के लिए वैक्सीन देने का ऐलान किया है। इसको लेकर अलग तैयारी भी शुरू हो गई है। इस बीच बिहार सरकार ने घोषणा की है कि 18 वर्ष एवं इससे ऊपर के सभी लोगों का टीकाकरण राज्य सरकार नि:शुल्क कराएगी। CM नीतीश कुमार
96 दिन में 61 लाख 68 हजार को ही लगा टीका, 18+ के 5 करोड़ 34 लाख 51 हजार 606 लोगों को दो डोज देने में लगेंगे 500 दिन

भारत सरकार ने 1 मई से 18 साल से ऊपर के लोगों के लिए वैक्सीन देने का ऐलान किया है। इसको लेकर अलग तैयारी भी शुरू हो गई है। इस बीच बिहार सरकार ने घोषणा की है कि 18 वर्ष एवं इससे ऊपर के सभी लोगों का टीकाकरण राज्य सरकार नि:शुल्क कराएगी। CM नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया पर इसका ऐलान किया है। 18 से ऊपर के कितने लोगों को वैक्सीन की डोज लेनी है? इसके लिए बिहार को कितनी डोज की जरूरत होगी? सबको टीका देने में कितने दिन का वक्त लगेगा? दैनिक भास्कर ने इसको लेकर पड़ताल तो पाया की बिहार में अभी जिस स्पीड से वैक्सीनेशन हो रहा है, ऐसे में 18 से ऊपर के लोगों को दूसरी डोज देने में 2 साल का वक्त लग जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 साल से ऊपर के लोगों के लिए वैक्सीन की घोषणा कर दी है। 1 मई से सभी लोग ये टीका ले सकेंगे। बिहार राज्य की बात करें तो 18 साल से लेकर 49 साल के लोगों की संख्या 5 करोड 34 लाख 51 हजार 606 हैं। बिहार में 1 मई से लगभग इतने लोग कोरोना के टीके लेने के तैयार हो जाएंगे। बिहार सरकार को इतने वैक्सीन की जरूरत 1 मई से हो जाएगी। उसके तुरंत बाद दूसरी डोज के लिए भी इतनी ही वैक्सीन की जरूरत होगी। दोनों को मिला लें तो इसके लिए अलग से 10 करोड़ 69 लाख 3 हजार 212 डोज की जरूरत पड़ेगी।

 

बिहार में वैक्सीन देने की रफ्तार एक बराबर की नहीं है। किसी दिन डेढ़ लाख लोगों को वैक्सीन दी जा रही है तो किसी दिन 75 हजार लोगों को वैक्सीन दी जा रही है। ऐसे में दैनिक भास्कर ने प्रतिदिन के हिसाब से 1 लाख लोगों को वैक्सीन देने का एक अनुमान लगाया हैं। ऐसे में लगभग 500 दिन से ज्यादा का वक्त वैक्सीन देने लग जाएगा। वजह ये है 96 दिन में मात्र 61 लाख 68 हजार 593 लोगों को ही वैक्सीन दिया गया है।

 

वैसे भी सरकार की व्यवस्था की बात करें तो वैक्सीन देने वाली 5068 नर्स बिहार के अलग अलग अस्पतालों में काम कर रही हैं। बिहार में लगभग 60 फीसदी नर्स के पद खाली है। ऐसे में उन्हे वैक्सीन देने के अलावा रोजमर्रे के रोगियों को देखने के साथ-साथ कोरोना जैसी आपदा से भी निपटना है। ऐसे में बिहार सरकार को एक अलग और ठोस व्यवस्था करनी होगी। वैक्सीन देने के अभियान को घर-घर तक पहुंचाने के लिए कैंपेन लांच करना होगा।

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