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66 प्रतिशत भारतीय महिलाओं की पहुंच से बाहर है अस्पताल

जयपुर। नेशनल फैमली हेल्थ सर्वे 2017 ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी करते हुए भारतीय महिलाओं को मिलने वाली चिकित्सीय सुविधाओं की पोल खोल दी है। रिपोर्ट बताती है कि भारत में लगभग 66 प्रतिशत महिलाओं की पहुंच अपने नजदीक के सरकारी अस्पताल तक भी नहीं होती है। इसी वजह से तो यहां पर
66 प्रतिशत भारतीय महिलाओं की पहुंच से बाहर है अस्पताल

जयपुर। नेशनल फैमली हेल्थ सर्वे 2017 ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी करते हुए भारतीय महिलाओं को मिलने वाली चिकित्सीय सुविधाओं की पोल खोल दी है। रिपोर्ट बताती है कि भारत में लगभग 66 प्रतिशत महिलाओं की पहुंच अपने नजदीक के सरकारी अस्पताल तक भी नहीं होती है। इसी वजह से तो यहां पर ग्रामीण इलाकों में गर्भवती महिलाएं दम तोड़ देती हैं।66 प्रतिशत भारतीय महिलाओं की पहुंच से बाहर है अस्पताल

देश में अधिकतर महिलाओं की इस दशा के लिए सरकार औऱ पुरुष दोनों जिम्मेदार है। कई ग्रामीण क्षेत्रों में तो घर से सरकारी अस्पताल इतना दूर स्थित होता है कि महिलाएं अस्पताल जाने के बजाए घर पर ही देसी नुस्खों से अपना इलाज कर लेती है। या फिर गांव की बुजुर्ग दाई का का सहारा लेना ज़्यादा पसंद करती हैं।66 प्रतिशत भारतीय महिलाओं की पहुंच से बाहर है अस्पताल

इसके साथ ही लचर सरकारी व्यवस्था के चलते सरकारी अस्पताल की हालत से तो पूरा देश ही वाकिफ है। ऐसे में भला महिलाएं अस्पताल में क्यों जाएंगी। जहां पर महिला डॉक्टर नहीं मिलती है। कई बार तो ज़रूरी दवाइयां भी मौजूद नहीं होती है। जबकि सरकार लगातार महिलाओं के स्वास्थ्य में बेहतरी के दावे करती रहती है।66 प्रतिशत भारतीय महिलाओं की पहुंच से बाहर है अस्पताल

सरकार का पूरा ध्यान बड़ी बड़ी महिला उपयोगी सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं के प्रचार प्रसार पर ही केंद्रित रहता है। लेकिन धरातल की इस सच्चाई से कोई मुंह नहीं मोड़ सकता है। आए दिन गर्भवती महिलाएं सही समय पर मेडिकल सुविधा न मिलने की वजह से मर जाती हैं। ऐसे में भारत सरकार की जननी सुरक्षा योजना के खोखले दावो की पोल यह सर्वे एक झटके में खोल देता है।

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