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50 फीसदी कंपनियों को भरोसा की इस बार कारोबार बढ़ाने वाले होगा बजट देखिये ताज़ा रिपोर्ट

1 फरवरी, 2021 को पेश होने वाला आम बजट कारोबार बढ़ाने वाला होगा। वहीं, ज्यादातर उद्योग आर्थिक सुधार और मांग बढ़ने को लेकर आशावादी हैं।शुक्रवार को जारी डेलॉय के सर्वे के मुताबिक, कुछ उत्तरदाताओं का मानना है कि आम बजट में व्यक्तिगत कर छूट की सीमा बढ़ाने से निजी खपत और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
50 फीसदी कंपनियों को भरोसा की इस बार कारोबार बढ़ाने वाले होगा बजट  देखिये ताज़ा रिपोर्ट

1 फरवरी, 2021 को पेश होने वाला आम बजट कारोबार बढ़ाने वाला होगा। वहीं, ज्यादातर उद्योग आर्थिक सुधार और मांग बढ़ने को लेकर आशावादी हैं।शुक्रवार को जारी डेलॉय के सर्वे के मुताबिक, कुछ उत्तरदाताओं का मानना है कि आम बजट में व्यक्तिगत कर छूट की सीमा बढ़ाने से निजी खपत और निवेश को बढ़ावा मिलेगा। 50 फीसदी ने कहा कि मांग के मोर्चे पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि मांग में सुधार से अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। सर्वे में कहा गया है कि कोरोना महामारी के कारण आवाजाही पर प्रतिबंध और उपभोक्ताओं की वित्तीय एवं स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं ने खपत को प्रभावित किया है। यह सर्वे नौ उद्योगों के प्रमुखों से बातचीत पर आधारित है,

जो आर्थिक सुधार और कारोबारी सुगमता जैसे 12 सवालों पर तैयार किया गया है।ऑनलाइन सर्वे में कहा गया है कि महामारी के दौरान लोगों का एहतियात के तौर पर बचत पर ज्यादा जोर रहा है। इसका असर मांग पर देखने को मिला है, जो कुछ समय के लिए कोविड-19 के पूर्व स्तर से नीचे रह सकती है।सर्वे में शामिल 70 फीसदी उत्तरदाताओं का मानना है कि आम बजट में सरकार का जोर मांग बढ़ाने पर रह सकता है, जिसका असर आर्थिक सुधार पर देखने को मिलेगा। सर्वे के मुताबिक, उद्योग प्रमखों का मानना है कि अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए सरकार को रोजगार बढ़ाने और खासतौर पर कम कौशल वाले कर्मचारियों को काम देने पर जोर देना होगा।

इससे न सिर्फ आय बढ़ेगी बल्कि मांग पर सकारात्मक असर देखने को मिलेगा।वहीं, मैन्युफैक्चरिंग से जुड़े 50 फीसदी उद्योगों ने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को वित्तीय सहायता देने से उद्योगों को कोरोना के प्रभावों से तेजी से उबरने में मदद मिलेगी। डेलॉय इंडिया पार्टनर एवं पब्लिक पॉलिसी के प्रमुख संजय कुमार ने कहा, कारोबार से जुड़े ताजा आंकड़े बताते हैं कि अर्थव्यवस्था सुधार के रास्ते पर है। ‘आत्मनिर्भर भारत’ एवं ‘उत्पादन आधारित प्रोत्साहन’ (पीएलआई) जैसी योजनाएं आत्मनिर्भर बनने और देश की आर्थिक वृद्धि को बनाए रखने में मददगार साबित हुई हैं।अर्थव्यवस्था को मोर्चे पर अधिकांश उद्योग प्रमुखों का मानना है कि बुनियादी ढांचे का खर्च बढ़ाने से संबंधित क्षेत्रों को प्रोत्साहन मिलेगा।

 

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