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382 डाॅक्टरो ने गवाई कोविड-19 से अपनी जान,आईएमए ने शहीद का दर्जा देने की मांग

कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। इस वायरस ने आम आदमी को तो चपेट में लिया ही है, साथ ही इलाज करने वाले डॉक्टर्स और मेडिकल कर्मियों को भी संक्रमित किया है। मिली जानकारी के मुताबिक अब तक कोरोना महामारी के कारण देश में 382 डॉक्टरों ने अपनी जान गंवाई है।
382 डाॅक्टरो ने गवाई  कोविड-19 से अपनी जान,आईएमए ने शहीद का दर्जा देने की मांग

कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। इस वायरस ने आम आदमी को तो चपेट में लिया ही है, साथ ही इलाज करने वाले डॉक्टर्स और मेडिकल कर्मियों को भी संक्रमित किया है।

मिली जानकारी के मुताबिक अब तक कोरोना महामारी के कारण देश में 382 डॉक्टरों ने अपनी जान गंवाई है। अब आईएमए यानी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कोरोना से जान गंवाने वाले इन डॉक्टर्स को शहीद का दर्जा देने की मांग की है।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने बयान दिया था की,”केंद्र के पास उन डाक्टरो का डेटा नहीं हैं जिनकी कोविड-19 से मौत हुई हैं” जिसके बाद इडियन मेडिकल असोसिएशन(आईएमए) ने कहा कि सरकार ‘राष्ट्रीय नायकों का परित्याग’ कर रही हैं।
आईएमए ने कहा की,कोविड-19 संक्रमण से 382 डाक्टरों की मृत्यु हुई हैं और उन्हें शहीद का दर्जा मिले।

आइएमए ने प्रेस रिलीज में कहा, ‘अगर सरकार कोरोना संक्रमित होने वाले डॉक्टर और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों का का डेटा नहीं रखती तो वह महामारी एक्ट 1897 और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट लागू करने का नैतिक अधिकार खो देती है. एक तरफ सरकार डॉक्टरों को कोरोना वॉरियर कहती है और दूसरी तरफ इनको शहीद का दर्जा देने से मना किया जाता है।’

आपको बता दें कि भारत में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। देश में कोरोना के मामलों ने 51 लाख का आंकड़ा पार कर लिया है।

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