20 अरब किलोमीटर दूर जा चुका वायेजर फिर भी खोल रहा है ब्रह्मांड के राज़
जयपुर। ब्रह्मांड की खोज करना मानव की फ़ितरत बन चुकी है। इसको जानने के लिए वो किसी भी हद तक जाने को तैयार है। तभी तो, मानव उस चीज़ को खोजने में जुटा जिसका कोई ओर-छोर नहीं है और वो है हमारा ब्रह्मांड। इसके कई राज है गहरे है जो मानव से बचे हुये है और मानव है कि उनकों खंगाल में आपनी जी जान लगा रहा है। कई तकनीक की मदद से कई प्रकाश मील दूर दूर तक मानव की निगाहें है जिससे ब्रह्मांड की गिरबान में झांकर देख सकता है। इसके लिए कई यान जो ब्रह्मांड को जानने के लिए छोड़ दिये है। लेकिन अभी तक मानव इसके बारे में केवल 5 प्रतिशत ही जान पाया है 95 प्रतिशत तो अभी बाकी है।
इससे जुड़े कई सवाल है जो इंसानों को जानने है लेकिन तकनीक ऐसी अभी तक इजात नहीं की गई है जिससे इसके सारे राज खोले जा सकें। मानव की खोजी फ़ितरत ने ही जन्म दिया है दुनिया के सबसे महान अंतरिक्ष अभियान को और इस महानअंतरिक्ष अभियान का नाम है-वायेजर। आज से 40 साल पहले की इसको लॉंच किया गया था। अब यह अंतरिक्ष यान धरती से अरबों किलोमीटर की दूरी पर हैं। वायेजर एक तो अब हमारे सौर मंडल से भी दूर यानी क़रीब 20 अरब किलोमीटर दूर जा चुका है। आपको बता दे कि इसकी दूरी इतनी है कि वायेजर एक से धरती पर संदेश आने जाने में क़रीब 38 घंटे लगते हैं।
वो भी तब जब ये रेडियो संकेत, 1 सेकेंड में तीन लाख किलोमीटर की दूरी तय करता हैं तब संभव है। इसका संदेश प्रकाश की गति से चलता हैं। इसकी सबसे दिलचस्प बात ये है कि आज 40 साल बाद भी यह यान काम कर रहे हैं और मानवियत तक ब्रह्मांड के तमाम राज़ पहुंचा रहे हैं। लेकिन अब इनकी ताक़त कमज़ोर हो गई है। वायेजर यानों से आने वाले संदेश पकड़ने के लिए नासा ने पूरी दुनिया में रेडियो संकेत सेंटर बनाए हैं जिससे इसके कई संदेशों को पकड़ा जा सके