हेल्दी लाइफ स्टाइल पाने के लिए अपनाई जाए यह 10 जरूरी बातें
हेल्दी लाइफ स्टाइल का मतलब होता है अच्छा भोजन खाना, व्यायाम करना और खुश रहना। इसके अलावा मनुष्य का वजन संतुलित होना चाहिए और उसे बीमारी से मुक्त भी होना चाहिए। भोजन ना करना या भूखे रहना डाइटिंग नही होती हैं बल्कि संतुलित आहार लेना जरुरी है। आज हम बात करेंगे हेल्दी लाइफ स्टाइल के
हेल्दी लाइफ स्टाइल का मतलब होता है अच्छा भोजन खाना, व्यायाम करना और खुश रहना। इसके अलावा मनुष्य का वजन संतुलित होना चाहिए और उसे बीमारी से मुक्त भी होना चाहिए। भोजन ना करना या भूखे रहना डाइटिंग नही होती हैं बल्कि संतुलित आहार लेना जरुरी है। आज हम बात करेंगे हेल्दी लाइफ स्टाइल के बारें में।
- अपनी रोज़ की जिंदगी में 30 से 45 मिनट का समय जो कि खास कर के सुबह का समय हो किसी भी व्यायाम के लिए रखिए जो कि आपको स्वस्थ रखने के लिए काफी जरूरी है। और इस व्यायाम को रोज बदले जैसे कि कभी योगा, कभी एरोबिक्स या कभी तेज चलना इससे आप बौर भी नहीं होंगे और फिट भी रहेगें।
- अपनी एकाग्रता को बढ़ाने के लिए मेडिटेशन, योगा या ध्यान का प्रयोग करें।इससे आपका तनाव भी कम होगा।
- खाना बनाने के लिए वेजिटेबल आॅइल जैसे सोयाबिन, सनफ्लावॅर या आॅलिव आॅइल का प्रयोग करें। नमक और शक्कर की मात्रा का सही प्रयोग करें क्योंकि इनका अधिक उपयोग कई तरह की बीमारी का कारण बनता है। कोशिश करें कि रात का भोजन हल्का हो और आठ बजे से पहले कर लें ताकि भोजन को सही तरह से पचने का समय मिले।
- खाना पकाने और पीने में साफ और ऊबले हुए पानी का प्रयोग करें। खाने में वैरायटी आॅफ फूड शामिल करें जैसे सलाद, दूध, दही, छाछ, दलिया और खास कर हरी सब्जियां।साबुत दाल अनाज आदी का प्रयोग अवश्य करें।
5.अधिक तेल मसाले वाले भोजन से बचे, बैक्ड तथा गरिष्ट भोजन का प्रयोग कम करें। खाने को हमेशा सही तापमान पर पकाएं तथा भोजन को अधिक पका कर उसके पोष्टिक तत्व को नष्ट ना करें।
- ताजी सब्जियों का प्रयोग करें और उपयोग में ना आने वाली वस्तु को सही तरह से साफ जगह पर रखें।
- सफाई पर खास ध्यान दें घर के, विशेषकर रसोई तथा शौचालयों पर। पानी को कहीं भी इकट्ठा न होने दें और सिंक, वॉश बेसिन आदि जैसी जगहों पर नियमित रूप से सफाई करें तथा फिनाइल, फ्लोर क्लीनर आदि का उपयोग करती रहें। खाना पकाने तथा खाना रखने के उपयोग में आने वाले बरतनों को साफ रखे।
- कभी भी खाने की किसी भी वस्तु को खुला नही रखना चाहिए और कच्चे-पक्के खाने को अलग रखें।
- कभी भी बाहर से आने के बाद या किसी भी बाहरी वस्तु हाथ लगाने के बाद हाथ अवश्य साबुन से धोएं। ऐसा करने से किटणुओ के संक्रमण का खतरा कम होता है।
- 45 की उम्र के बाद डाॅक्टर से अपना चैकअप अवश्य कराए और उनकी सलह के अनुसार कार्य करें। प्रकृति के करीब रहने का समय अवश्य निकाले।