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विशेषज्ञों ने बताया क्या है पैसा बनाने का सही तरीका क्या हैं जाने क्या हैं सही रिपोर्ट

अपने पैसे का बाजार में निवेश करें अथवा ट्रेडिंग में लगाएं, ताकि बेहतर रिटर्न मिल सके। कोविड महामारी ने हम सभी को काफी प्रभावित किया है। इसलिए बेहतर व सुरक्षित भविष्य के लिए आज सही निवेश करना काफी महत्वपूर्ण है। नया वित्तीय वर्ष शुरू होने वाला है, ऐसे में यह बिलकुल सही समय है कि
विशेषज्ञों ने बताया क्या है पैसा बनाने का सही तरीका क्या हैं जाने क्या हैं सही रिपोर्ट

अपने पैसे का बाजार में निवेश करें अथवा ट्रेडिंग में लगाएं, ताकि बेहतर रिटर्न मिल सके। कोविड महामारी ने हम सभी को काफी प्रभावित किया है। इसलिए बेहतर व सुरक्षित भविष्य के लिए आज सही निवेश करना काफी महत्वपूर्ण है। नया वित्तीय वर्ष शुरू होने वाला है, ऐसे में यह बिलकुल सही समय है कि हम यह देखें कि आने वाले साल के लिए हमें किस तरह तैयारी करनी है।आप निवेश के लिए सही कदम उठा सकें, इसके लिए 23 जनवरी को अमर उजाला-बजाज आलियांज ने एक वेबिनार ‘धन की बात’ का आयोजन किया। इस वेबिनार में बाजार के जानकारों, आलियांज लाइफ के प्रोप्राइटरी सेल्स के प्रमुख अमित जायसवाल, एज इंस्टीट्यूट फॉर फाइनेंशियल स्टडीज के निदेशक वरुण मल्होत्रा और बजाज आलियांज की हेड इक्विटी और वाइस प्रेसिडेंट-इन्वेस्टमेंट रेशमा बंदा ने लोगों के निवेश और ट्रेडिंग से जुड़े सवालों के जवाब भी दिए।वेबिनार में बजाज-आलियांज लाइफ के प्रोप्राइटरी सेल्स के प्रमुख अमित जायसवाल ने हिस्सा लिया और बताया कि जब आप अपने भविष्य के लक्ष्य को पूरा करने के लिए अपनी जमा-पूंजी लगाते हैं, ताकि आने वाले वक्त में वो पैसा आपके काम आ सके, उसे निवेश कहते हैं। हर व्यक्ति के जीवन के कुछ लक्ष्य होते हैं, ये अल्पकालिक, मध्यम अवधि के या दीर्घकालिक लक्ष्य हो सकते हैं। यह माना जाता है कि पांच साल तक के निवेश को अल्पकालिक निवेश कहा जाता है। दीर्घकालिक निवेश में पांच साल से की ज्यादा की अवधि के लिए निवेश किया जाता है।  उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे आप अपना पैसा निवेश करते जाते हैं, आपके पैसों में बढ़ोतरी होती जाती है। इसे पावर ऑफ कंपाउंडिंग कंसेप्ट कहा जाता है। दीर्घकालिक निवेश का दूसरा सबसे बड़ा फायदा ये है कि इससे एक अनुशासन बना रहता है कि प्रति महीने इतना निवेश करना ही है और भविष्य में आपको रिटर्न मिलेगा। साथ ही बाजार में आए उतार-चढ़ाव से भी दीर्घकालिक निवेश में ज्यादा नुकसान नहीं होता। इसका सबसे बड़ा नुकसान तरलता है, जब आप कहीं पैसा निवेश करते हैं तो कुछ सालों के लिए आपका पैसा ब्लॉक हो जाता है, इसलिए वहां पर तरलता की चुनौती आ सकती है।यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (यूलिप) बीमा और निवेश का एक संयोजन होता है। जब आप प्रीमियम का भुगतान करते हैं, तो इसका एक हिस्सा बीमा कंपनी द्वारा आपको बीमा कवरेज प्रदान करने के लिए उपयोग किया जाता है और शेष इक्विटी प्रतिभूतियों में निवेश करने के लिए उपयोग किया जाता है। इस तरह आपको दोहरा लाभ होता है। आज इंश्योरेंस पर आपको जो भी रिटर्न मिलता है, उस पर आपको कर छूट की सुविधा भी मिलती है। बाजार में उतार-चढ़ाव आते हैं, जिसका जोखिम यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान में भी होती है।

आपके पैसे पर सुरक्षित और बेहतर रिटर्न के सरल फार्मूले बताने के लिए वेबिनार में वरुण मल्होत्रा भी मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि निवेश के लिए ट्रेडर का ध्यान प्राइस पर रहता है और निवेशक यह देखता है कि उसे मुनाफा कितना होगा। दुनिया के सबसे बड़े निवेशकों में शामिल वॉरेन बफे कहते हैं कि अगर कंपनी की कमाई ज्यादा होगी, तो उसका प्राइस भी बढ़ेगा। इसलिए हमें कमाई पर ध्यान देना चाहिए। शेयर बाजार एक्टिव इनकम नहीं है, बल्कि ये पैसिव इनकम की तरह है। जैसे ही आप ट्रेडिंग का स्तर बढ़ाते हैं, इसका जोखिम भी बढ़ता है।अपने लक्ष्य के हिसाब से नियमित रूप से निवेश करें। इमरजेंसी के लिए भी पैसा अलग रखें। कम से कम छह-सात महीने के खर्चे को इमरजेंसी फंड में डालें। इसके लिए शॉर्ट टर्म डेट फंड आते हैं। शॉर्ट टर्म डेट फंड में लिक्विड फंड और अल्ट्रा शॉर्ट टर्म जैसे फंड्स होते हैं। लिक्विड फंड्स ऐसे जगह पर निवेश करते हैं जिनकी मैच्योरिटी कम समय की होती है और आप कभी भी पैसा निकाल सकते हैं। साथ ही निवेशक इसकी भी गणना करें कि अगर आज उनको कुछ हो जाता है, तो उसके परिवार के लिए खर्चा कहां से आएगा। हेल्थ इंश्योरेंस, लाइफ इंश्योरेंस और लिक्विड फंड्स व अल्ट्रा शॉर्ट टर्म जैसे फंड्स में निवेश करने के बाद दीर्घकालिक निवेश करें।वेबिनार में निवेशकों के मन में उठ रहे सवालों के जवाब सरल तरीके से समझाते हुए रेशमा बंदा ने कहा कि आरबीआई के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में देश की सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 10 फीसदी कम होगी। मार्च 2020 में शेयर बाजार एकदम ढह गया था। इसमें करीब 50 फीसदी की गिरावट आई, क्योंकि घबराहट में लोग गलत निर्णय ले लेते हैं। जिससे तरलता बढ़ती है। आमतौर पर जब बाजार गिरता है, तब सब लोग स्टॉक बेचते हैं और जब बाजार में बढ़त आती है, तो निवेशक स्टॉक खरीदते हैं।

हम हमेशा ये सुझाव देते हैं कि आप बाजार का स्तर न देखें, बल्कि आप कितना जोखिम उठा सकते हैं, उसे ध्यान में रखिए। जब भी बाजार गिरता है या इसमें अस्थिरता होती है, तो प्रत्येक पॉलिसीधारक और व्यक्ति को सिर्फ अपने लक्ष्यों को ध्यान में रखना चाहिए। अगर निवेशक बनना है तो नियमित निवेश कीजिए। जब बाजार हिल जाता है, तभी साहस के साथ निवेश करना चाहिए। हर साल महंगाई बढ़ती जा रही है, फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलने वाला ब्याज भी घटता जा रहा है। यह करीब तीन से पांच फीसदी पर है। इक्विटी में आवंटन ज्यादा होगा, तो पॉलिसीधारक को रिटर्न भी ज्यादा मिलेगा। अभी हमें सावधानी बरतनी चेहिये से 50 हजार पर पहुंचा सेंसेक्स20 साल पहले अमेरिका में हुए  9/11 आतंकी हमले के दौरान सेंसेक्स काफी नीचे आ गया था। तब यह करीब 2800 के करीब था। उसके बाद साल 2007 में वैश्विक वित्तीय संकट आया था, तब भी कईं कंपनियां बंद हुई थीं। फिर 2013 में दिक्कतें आईं और अब 2020 भी संकट भरा साल रहा। इसके अतिरिक्त अलग-अलग देशों में कई युद्ध हुए। तब किसी ने नहीं सोचा था कि दुनिया में ऐसी चीजें होंगी।लेकिन 20 सालों का सफर देखें, तो इस दौरान सेंसेक्स करीब 3,000 से 50,000 के स्तर पर पहुंचा। साथ ही जीडीपी की वृद्धि दर भी इतने सालों में बढ़ी है। आगे भी यह वृद्धि जारी रहेगी। हमारा देश बढ़ेगा तो बाजार में भी तेजी आएगी। निवेश के लिए हमें विशेषज्ञों की राय लेनी चाहिए। विशेषज्ञों को ज्यादा ज्ञान होता है, उसका फायदा आपको होगा। लक्ष्यों को पूरा करने के लिए यह अहम है।

 

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