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रिलायंस-अमेजन की लड़ाईसे बढ़ रहा ‘उड़ान का मार्किट पैलेस ’, 80% B2B ई-कॉमर्स मार्केट पर कब्जा

देश भर के करीब 6.6 लाख गांवों और शहरों और करीब 8 हजार शहरों में स्थित छोटे स्टोर्स के जरिए आम भारतीयों की दैनिक जरूरतें पूरी होती हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि देश में रिटेल कारोबार कितना विस्तृत है. इसी रिटेल कारोबार पर कब्जे के लिए अमेजन के सीईओ जेफ बेजॉस और
रिलायंस-अमेजन की लड़ाईसे  बढ़ रहा ‘उड़ान का मार्किट पैलेस ’, 80% B2B ई-कॉमर्स मार्केट पर कब्जा

देश भर के करीब 6.6 लाख गांवों और शहरों और करीब 8 हजार शहरों में स्थित छोटे स्टोर्स के जरिए आम भारतीयों की दैनिक जरूरतें पूरी होती हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि देश में रिटेल कारोबार कितना विस्तृत है. इसी रिटेल कारोबार पर कब्जे के लिए अमेजन के सीईओ जेफ बेजॉस और रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी के बीच जंग चल रही है. फ्यूचर रिटेल के साथ रिलायंस के सौदे के लेकर अदालती लड़ाई चल रही है. हालांकि इस हाई-फाई प्रोफाइल मामले के अलावा कुछ कंपनियां तेजी से रिटेल कारोबार में विस्तार कर रही हैं.

इसमें से एक स्टार्टअप उड़ान (Udaan) है, जिसने महज पांच साल के भीतर ही 80 फीसदी B2B  (बिजनस-टू-बिजनस) ई-कॉमर्स मार्केट पर कब्जा कर लिया है. यह देश भर में स्थित 200 वेयरहाउस में गुड्स का स्टॉक रखता है और इसे देश भर के 900 शहरों में 17 लाख से अधिक रिटेल स्टोर्स पर हर दिन डिलीवरी करता है.देश भर में स्थित किराना स्टोर्स तेजी से डिजिटल हो रहे हैं. आज लगभग हर किराना स्टोर्स वाले के पास स्मार्टफोन है और इसे इस्तेमाल करने में किरान स्टोर्स वाले को कोई झिझक नहीं है. थोड़े से प्रशिक्षण के बाद बिना किसी खास शिक्षा के वह अपने कारोबार के लिए इसका इस्तेमाल बखूबी करने में सक्षम है.उड़ान सप्लायर्स से उनका प्रॉडक्ट्स लेते हैं और सप्लायर्स को समय पर कैश मिल जाता है. इसके बाद रिटेलर्स को क्रेडिट पर यह सामान पहुंचा दिया जाता है. अगर रिटेलर्स इसे होलसेलर्स से लेते तो उन्हें अधिक ब्याज दरों पर लेना होता.

यह पूरी प्रक्रिया स्मार्टफोन ऐप पर होती है. इससे छोटे दुकानदारों को भुगतान को लेकर भरोसा बना रहता है और बैंकों व फाइनेंसर्स को उन्हें वर्किंग कैपिटल के लिए कर्ज देने में आसानी होती है. इस प्लेटफॉर्म पर मैनुफैक्चरर्स, मिलर्स, किसान, होटल्स, फार्मासिस्ट्स, रेस्टोरेंट्स और ग्रॉसर्स के 30 लाख से अधिक खरीदार और विक्रेता मौजूद हैं.

Flipkart में काम कर चुके हैं उड़ान के फाउंडर्सउड़ान के तीन को-फाउंडर्स में एक वैभव गुप्ता का कहना है कि उन्होंने इंटरनेट पर भरोसे की कमी की समस्या को सुलझा दिया है. सह-संस्थापक सुजीत कुमार ने उड़ान की सफलता के पीछे 2017 में लाए गए गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) की भूमिका कही. जीएसटी में मल्टीपल रेट्स्स और हाई कंप्लॉयंस कॉस्ट्स हैं लेकिन इसके बावजूद इसे रेट देश भर में समान हैं जबकि पहले हर राज्य में अलग-अलग दरों पर लेवी थी जिससे वेयरहाउसेज को कंफ्यूजन होती थी.कुमार और गुप्ता उस टीम का हिस्सा थे जिसने अमेजन के मुकाबले फ्लिपकार्ट को मजबूत किया. कुमार फ्लिपकार्ट में सप्लाई चेन स्पेशलिस्ट के तौर पर कार्यरत थे. हालांकि दोनों ने वालमार्ट द्वारा फ्लिपकार्ट को खरीदे जाने से दो साल पहले ही इसे छोड़ दिया था. उड़ान के तीसरे को-फाउंडर अमोद मालवीय फ्लिपकार्ट के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर थे.

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