Samachar Nama
×

रिटायर्ड फौजी ने लाॅकडाउन में मीठवास में बना दिया मशरूम पार्क; कैंसर के लिए उपयोगी होने के कारण मांग ज्यादा, कमाई भी अधिक

लाॅकडाउन में कुछ सकारात्मक प्रयाेग सफलता का कारण बने हैं। जिले के मंडावा के मीठवास में रिटायर्ड फाैजी ने लाॅकडाउन के दाैरान घर पर मशरूम की खेती के लिए पार्क विकसित कर दिया। जिससे चलते उनकी कमाई दस गुना तक बढ़ गई है। अब वे क्षेत्र के किसानाें काे मशरूम की खेती के लिए प्रशिक्षण
रिटायर्ड फौजी ने लाॅकडाउन में मीठवास में बना दिया मशरूम पार्क; कैंसर के लिए उपयोगी होने के कारण मांग ज्यादा, कमाई भी अधिक

लाॅकडाउन में कुछ सकारात्मक प्रयाेग सफलता का कारण बने हैं। जिले के मंडावा के मीठवास में रिटायर्ड फाैजी ने लाॅकडाउन के दाैरान घर पर मशरूम की खेती के लिए पार्क विकसित कर दिया। जिससे चलते उनकी कमाई दस गुना तक बढ़ गई है। अब वे क्षेत्र के किसानाें काे मशरूम की खेती के लिए प्रशिक्षण देने का काम कर रहे हैं। मीठवास के सेवानिवृत्त फौजी महेश कुमार ढ़ाका ने लॉकडाउन के दौरान सब कुछ बंद होने पर खुद के कृषि फार्म पर मशरूम की खेती का काम शुरू किया।
जाे अब मशरूम पार्क के रूप में विकसित हाे गया। उन्हाेंने बताया कि 2010 में मशरूम की खेती की जानकारी मिली। ताे वे इसे शुरू करने के लिए प्रयास करने लगे। अप्रैल 2020 में रिटायर होने के बाद घर आते ही लॉक डाउन लग गया। आय के लिए उन्हाेंने मशरूम की खेती करना प्रारंभ किया। इसके बाद धीरे-धीरे उसे विस्तार करते हुए मशरूम पार्क बना दिया। मशरूम प्रोटीन युक्त हाेने से कई रोगों में काम में आता हैं। कैंसर की फर्स्ट व सेकंड स्टेज में इसका उपयाेग हाेता हैं। मांग हाेने के कारण वे इसकाे हर महीने बढ़ा रहे हैं।
महेश बताते हैं कि बाजार में आज सभी चीजें रसायनों का उपयोग करके पैदा की जाती है मशरूम ऐसी चीज है जो बिना रसायनों के प्रयोग के ही पैदा की जा सकती है इसलिए यह ऑर्गेनिक तरीके से ही पैदा होती है। मशरूम से प्रचुर मात्रा में प्रोटीन प्राप्त होता है। शाकाहारी व्यक्ति भी इससे अपनी आवश्यकता का प्रोटीन प्राप्त कर सकता है।
महेश कुमार ने बताया कि वे युवा बेरोजगारों को मशरूम की खेती के लिए प्रशिक्षण दे रहे हैं। इसमें उनकाे फसल तैयार करने और उसे बेचने समेत अन्य प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिससे वे कम पैसों में मशरूम का उत्पादन कर सकते हैं। मशरूम से दवा व पाउडर तैयार कर बाजार में बेच सकते हैं।
ढ़ाका बताते हैं कि मशरूम के एक बैग पर लगभग 300 रुपए का खर्च आता है और उससे 3 हजार रुपए के मशरूम पैदा हाे जाते हैं। 10 गुना कमाई हाेने और घर बैठे ही खरीददार मिलने के कारण इसकी खेती काे लेकर रूझान बढ़ रहा हैं।

Share this story