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राजसमंद : COVID-19: क्या वाकई डिस्टेंसिंग से ज्यादा प्रभावी हैं मास्क और वेंटीलेशन

हाल ही में फैल रहे कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ज्यादा घातक हैं.इसे नियंत्रित करने के लिए फिलहाल रोकथाम के उपाय ही सबसे उपयुक्त हैं, क्योंकि वैक्सीन तो दुनिया के लोगों तक पहुंचना शुरू हो गई है, लेकिन उसका व्यापक प्रभाव आने में अभी समय लगेगा. इसी बीच एक अध्ययन में यह पाया गया है
राजसमंद :  COVID-19: क्या वाकई डिस्टेंसिंग से ज्यादा प्रभावी हैं मास्क और वेंटीलेशन

हाल ही में फैल रहे कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ज्यादा घातक हैं.इसे नियंत्रित करने के लिए फिलहाल रोकथाम के उपाय ही सबसे उपयुक्त हैं, क्योंकि वैक्सीन तो दुनिया के लोगों तक पहुंचना शुरू हो गई है, लेकिन उसका व्यापक प्रभाव आने में अभी समय लगेगा. इसी बीच एक अध्ययन में यह पाया गया है कि कोरोना रोकथाम के उपायों में से सोशल डिस्टेंसिंग के मुकाबले मास्क और वेंटीलेशन ज्यादा कारगर होते हैं. वे न केवल ज्यादा तेजी से फैल रहे हैं, बल्कि उनके लक्षणों में भी विविधता देखने को मिल रही है.

हाल ही में फिजिक्स ऑफ फ्लूड जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया है कि एक कमरे में कोविड-19 के प्रसार को कम करने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग से ज्यादा मास्क और एक अच्छा वेंटिलेशन सिस्टम ज्यादा अहम हैं. इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने एक शिक्षक और छात्रों की कक्षा का एक कम्प्यूटर मॉडल बनाया.

अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ सेंट्रल फ्लोरीडा के एसिस्टेंट प्रोफेसर माइकल किन्जेल का कहना है कि यह शोध बहुत अहम है क्योंकि यह हमारे घर के अंदर के वातावरण की सुरक्षा को समझने में मददगार होता है. इससे पता चलता है कि एरोसॉल के प्रसार के रास्ते छह फुट की सोशिल डिस्टेंसिंग की जरूरत नहीं

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