मनरेगा से खोदा गया तालाब लोगों के लिए बना पानी का स्रोत
गांव में पानी का संकट न हो इसके लिए गांव में दो बीघे का तालाब खोदवाया गया है। इसे मनरेगा के तहत खोदा गया है। इसमें बारिश का पानी रोक कर संरक्षित किया जाता है। यह गांव बिहार विकास खंड में स्थित उमरी बुजुर्ग गांव है। यहां यादव बस्ती में खोदा गया तालाब गर्मी के दिनों में पशु पक्षियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। यहां पर बस्ती से निकलने के लिए बारिश का पानी रोककर पानी का जलस्तर दुरुस्त किया जाता है। निवर्तमान ग्राम प्रधान नीलमणि सिंह बताते हैं कि इस तालाब को खोदवाने के लिए उन्होंने बहुत प्रयास किया था। लोग तालाब खोदवाने के लिए तैयार नहीं हो रहे थे। जब लोगों को गर्मी के दिनों में होने वाली पानी की किल्लत व समस्याओं के बारे में समझाया तो लोगों के समझ में आ गया कि अगर बस्ती के बीच यह तालाब रहेगा तो आने वाले समय में पानी की किल्लत नहीं होगी। बस्ती में जगह-जगह लगे इंडिया मार्का नलों से निकलने वाले पानी को भी संरक्षित किया जा रहा है। इससे जलस्तर भी सुधर गया है। तालाब में पानी भरने के लिए ग्राम सभा की तरफ से एक बोर भी कराया गया है। यही नहीं तालाब को भरने के लिए एक नाली भी नहर से जोड़ी गई है। इससे तालाब में पानी भरा रहता है। तालाब में पानी भरने से यादव बस्ती में पेयजल का संकट नही खड़ा हो पाता। जबकि जिन पुरवों में तालाब नहीं है वहां पर गर्मी के दिनों में पानी का संकट खड़ा हो जाता है।