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मधुबनी:सर्दी और बुखार से पीड़ित हाे रहे लाेग कोविड की जांच की नहीं है व्यवस्था

कोरोना जहां शहरी इलाकों में लोग बड़ी संख्या में लोग संक्रमित होकर इस महामारी का शिकार बन रहें है वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में लोग शर्दी, खासी एवं बुखार जैसे बीमारियों से भी अपनी जान गंवा रहें है। ग्रामीण क्षेत्रों में फैल रहें इस बीमारी का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि
मधुबनी:सर्दी और बुखार से पीड़ित हाे रहे लाेग कोविड की जांच की नहीं है व्यवस्था

कोरोना जहां शहरी इलाकों में लोग बड़ी संख्या में लोग संक्रमित होकर इस महामारी का शिकार बन रहें है वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में लोग शर्दी, खासी एवं बुखार जैसे बीमारियों से भी अपनी जान गंवा रहें है। ग्रामीण क्षेत्रों में फैल रहें इस बीमारी का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि लगभग 70 से 80 प्रतिशत घरों में कोई ना कोई व्यक्ति शर्दी, खासी एवं बुखार से ग्रसित है। इस बात की हकीकत की जांच करने सोमवार को भास्कर टीम ने राजनगर प्रखंड के सुगौना, जोहरमोहरा, कोइलपार, बकुआर, ठिखहा, चिड़चिड़ी, बरहारा, मझौरा, भटसिमर, सिमरी एवं नकटी का दौरा किया एवं लोगों से बातचीत की। इस दौरान लोगों ने बताया कि प्रायः घरों में लोग शर्दी खासी बुखार से ग्रसित हैं। पूछे जाने पर ज्यादातर लोगों ने बताया कि वे लोग कोविड की जांच नहीं करवा रहें है।सरकारी अस्पताल एवं अन्य डॉक्टरों के पास जाने से पूर्व कोविड टेस्ट की रिपोर्ट मांगी जाती है जिससे लोग गांव के ही झोला छाप डॉक्टरों से अपना इलाज करवा रहें हैं। नाम नहीं छापने के सर्थ पर दो झोला छाप डॉक्टरों ने बताया कि ज्यादर तर मरीज शर्दी खांसी बुखार से ग्रसित हैं। जिन्हें हम नार्मल बुखार खासी की दवाइयां देते हैं, लेकिन इतनी ज्यादा तादात में लोग ग्रसित हैं कि इलाज करने में अब परेशानी हो रही है साथ ही कई ज्यादा उम्र के लोग जो सुगर ब्लडप्रेसर जैसे बीमारियों से ग्रसित हैं वे अपनी जान भी गवां रहें हैं श्राद्ध भोज में लोगों की भीड़ चोरी छिपे जमकर इकठ्ठा हो रही है जिसके कारण संक्रमण का खतरा लगातार इन क्षेत्रों में बढ़ रहा है। साथ ही बाहर से आने वाले लोग बिना जांच के गांवों में घूम रहे हैं यह भी एक खतरा है।ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से फैल रहे बुखार खासी जैसी बीमारी कोविड ना हो इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता। ग्रामीण मंगनु झा, विनोद झा, रघुबीर, सुबोध मंडल आदि ग्रामीणों ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों में जागरूकता एवं जांच की कमी है। ज्यादतर लोगों जांच से बचना चाहते हैं। जांच नहीं करवाने से कतराने के पीछे लोग अस्पताल की दूरी को भी वजह बता रहें है। साथ ही इन लोगों का यह भी कहना था कि अगर घर घर जांच की व्यवस्था हो जाए साथ मे टीकाकरण की व्यवस्था हो जाए तो इससे लोगों को निजात मिल सकती है।

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