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भीलवाड़ा : Rajasthan By Election: सहाड़ा में BJP ने जाट पर खेला दांव, कांग्रेस को सहानुभूति वोट से आस

भीलवाड़ा जिले का सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र परंपरागत रूप से कांग्रेस का गढ़ रहा है. जातिगत और राजनीतिक समीकरण के बूते कांग्रेस ने यहां 14 विधानसभा चुनावों में 9 बार जीत दर्ज की है, जबकि बीजेपी यहां सिर्फ दो चुनाव ही जीत पाई है. कांग्रेस के तीन बार विधायक रहे कैलाश चंद्र त्रिवेदी के निधन से
भीलवाड़ा : Rajasthan By Election: सहाड़ा में BJP ने जाट पर खेला दांव, कांग्रेस को सहानुभूति वोट से आस

भीलवाड़ा जिले का सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र परंपरागत रूप से कांग्रेस का गढ़ रहा है. जातिगत और राजनीतिक समीकरण के बूते कांग्रेस ने यहां 14 विधानसभा चुनावों में 9 बार जीत दर्ज की है, जबकि बीजेपी यहां सिर्फ दो चुनाव ही जीत पाई है. कांग्रेस के तीन बार विधायक रहे कैलाश चंद्र त्रिवेदी के निधन से खाली हुई इस सीट पर स्वाभाविक रूप से कांग्रेस को सहानुभूति वोट मिलने की उम्मीद है. बीजेपी ने जाट बहुल इस सीट से रतनलाल जाट को उम्मीदवार घोषित कर दिया है. 73 वर्षीय जाट नेता जनता दल के टिकट पर 1990 में पहली बार विधायक बने और उसके बाद बीजेपी में आए. वह 1991 से 1993 तक प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री रहे. साल 1998 में सहाड़ा से ही दोबारा विधायक बने. वर्ष 2006 में उन्हें बीज निगम का अध्यक्ष बनाया गया. जाट उम्मीदवार को टिकट देने की वजह जातिगत समीकरणों के साथ साथ क्षेत्र में रतन लाल जाट की पकड़ भी है.

बीजेपी इससे भी उत्साहित है कि तीन माह पहले यहां से पार्टी की उम्मीदवार वरजी भील जिला परिषद की जिला प्रमुख चुनी गईं हैं. जिले में पहली बार कोई भील महिला जिला प्रमुख बनी हैं. जिला प्रमुख के लिए हुए मतदान में बीजेपी की उम्मीदवार वरजी को 23 और कांग्रेस की उम्मीदवार मीनाक्षी मीणा को 13 वोट मिले थे. जिला प्रमुख के लिए मीरा व सुनीता का नाम ही चल रहा था, लेकिन प्रदेश नेतृत्व ने साफ किया कि सहाड़ा उप चुनाव जीतने के लिए वरजी को जिला प्रमुख बनाया जाना चाहिए. इससे बीजेपी को उम्मीद जगी है कि उपचुनाव में भी क्षेत्र के मतदाताओं का मन बदलेगा. बीजेपी का आरोप है कि जनता कांग्रेस के दो साल के शासन से त्रस्त है. वह कानून-व्यवस्था, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, अवैध खनन आदि पर राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा कर रही है.

 

कांग्रेस के गढ़ से पिछला चुनाव जीते कैलाश त्रिवेदी का 6 अक्तूबर 2020 को निधन होने के बाद से यह सीट खाली है. उपचुनाव को देखते हुए सरकार ने यहां विकास कार्यों का पिटारा खोला है. पिछले साल सरकारी कॉलेज खोलने के बाद इस बजट में गर्ल्स कॉलेज खोलने की घोषणा की है. चंबल का पानी गंगापुर कस्बे तक लाया जा चुका है. मुख्यमंत्री ने हाल ही में सड़क, चिकित्सा, शिक्षा और पेयजल से जुड़े 63 करोड़ के विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास वर्चुअल माध्यम से किया है. इसके अलावा यहां वर्षों से बंद स्पिनिंग मिलों के 170 कर्मचारियों को विभिन्न नगरीय निकायों और सहकारी संस्थाओं में नियुक्ति दी गई है.

कांग्रेस जहां दो साल में क्षेत्र में कराए गए विकास कार्यों को चुनावी मुदृा बना रही है. वहीं, उसे तीन बार यहां से विधायक रहे कैलाश चंद्र त्रिवेदी के निधन से सहानुभूति वोट की भी आस है. वैसे भी क्षेत्र में ब्राह्मण मतदाता करीब 40 हजार हैं. इसे देखते हुए कांग्रेस में उम्मीदवार के लिए राजेंद्र त्रिवेदी, रणदीप त्रिवेदी, गायत्री देवी के नाम चल रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक प्रदेश कांग्रेस ने विधानसभा उपचुनाव के लिए प्रत्याशियों का पैनल बनाकर दिल्ली भेज दिया है. सुजानगढ़ सीट के लिए एक नाम और सहाड़ा-राजसमंद के लिए दो-दो नामों का पैनल भेजा गया है. पार्टी होली से पहले नामों की घोषणा कर सकती है.

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