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भारतीय अर्थव्यवस्था का 2020 का संकुचन 9.6 प्रतिशत रह सकता है देखे एक रिपोर्ट

अर्थव्यवस्था भारत में अपने इतिहास की सबसे बड़ी गिरावट का सामना करना पड़ा है और देश की अर्थव्यवस्था 2020 में करीब 10 प्रतिशत संकुचित हुई है.संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की एक रपट के अनुसार कोविड19 और लॉकडाउन से प्रभावित 2020 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 9.6 प्रशित की गिरावट होने का अनुमान है. इसी रपट में
भारतीय अर्थव्यवस्था का 2020 का  संकुचन 9.6 प्रतिशत रह सकता है देखे एक रिपोर्ट

 अर्थव्यवस्था भारत में अपने इतिहास की सबसे बड़ी गिरावट का सामना करना पड़ा है और देश की अर्थव्यवस्था 2020 में करीब 10 प्रतिशत संकुचित हुई है.संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की एक रपट के अनुसार कोविड19  और लॉकडाउन  से प्रभावित 2020 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 9.6 प्रशित की गिरावट होने का अनुमान है. इसी रपट में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2021 में 7.3 प्रतशित की वृद्धि दर्ज कर सकती है. रपट के अनुसार, लॉकडाउन और अन्य पाबंदियों से वायरस संक्रमण का प्रसार रुका नहीं, पर घरेलू उपभोग घट गया.

विश्व की आर्थिक स्थिति और संभावनाओं पर इस बहुपक्षीय संगठन की रपट वर्ल्ड इकोनामिक सिचुएशन एंड प्रास्पेक्ट्स (World Economic Situation and Prospects) के ताजा संस्करण में कहा गया है कि 2020 में विश्व अर्थव्यवस्था (World Economy) 4.3 प्रतिशत संकुचित हुई. यह संकुचन 2009 के ढाई गुना से ज्यादा है. 2021 में विश्व अर्थव्यवस्था में 4.7 प्रतिशत की हल्क वृद्धि हो सकती है और उससे 2020 के नुकसान की किसी तरह से भरपायी हो सकेगी. रपट के अनुसार, दक्षिण एशिया (South Asia) में सभी अर्थव्यवस्थाओं पर महामारी का गहरा असर पड़ा है और इस क्षेत्र में 8.9 प्रतिशत की आर्थिक गिरावट का अनुमान है.इस क्षेत्र की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत में अपने इतिहास की सबसे बड़ी गिरावट का सामना करना पड़ा है और देश की अर्थव्यवस्था 2020 में करीब 10 प्रतिशत संकुचित हुई है. रपट में कहा गया है, ‘‘भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2019 में घट कर 4.7 प्रतिशत रह गयी थी और 2020 में इसमें 9.6 प्रतिशत गिरावट आ गयी, क्योंकि राजकोषीय और मौद्रिक प्रोत्साहनों के बावजूद लॉकडाउन और अन्य नियंत्रणों के चलते घरेलू उपभोग घट गया, पर महामारी का प्रसार रुका नहीं.’’संयुक्तराष्ट्र महाचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि दुनिया इस समय 90 साल के दौर का सबसे बड़ा स्वास्थ्य और आर्थिक संकट झेल रही है.

हम मौतों की बढ़ती संख्या से शोक संतप्त हैं. हमें यह ध्यान रहना चाहिए कि आज हम जो निर्णय करते हैं उससे हमारा सामूहिक भविष्य तय होगा.’ 2022 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृ​द्धि 2021 के 7.3 प्र​तिशत की तुलना में मंद हो कर 5.9 प्रतिशत पर आ जाएगी. रपट में कहा गया है कि कोविड19 ने विकसित देशों के श्रम बाजार को तबाह कर दिया है. मध्य 2020 में नाइजीरिया में बेरोजगारी दर 27 प्रतिशत तथा भारत में 23 प्रतिशत तक पहुंच गयी थी. चीन की वृद्धि दर 2020 में 2.3 तथा 2021 में 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है.

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