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ब्रोकरों के खिलाफ नया मामला सैट ,एक्सचेंज की बात सुनने का न्यायालय का निर्देश

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज लि. (एनएसईएल) ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने कुछ ब्रोकरों को इस काम के लिए सही और उपयुक्त नहीं करार दिए जाने के मामले में प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) को एनएसईएल शेयर बाजार को अपनी अपील प्रस्तुत करने की अनुमति देने का निर्देश दिया है। एनएसईएल ने एक बयान में कहा कि
ब्रोकरों के खिलाफ नया मामला सैट ,एक्सचेंज की बात सुनने का न्यायालय का निर्देश

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज लि. (एनएसईएल) ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने कुछ ब्रोकरों को इस काम के लिए सही और उपयुक्त नहीं करार दिए जाने के मामले में प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) को एनएसईएल शेयर बाजार को अपनी अपील प्रस्तुत करने की अनुमति देने का निर्देश दिया है। एनएसईएल ने एक बयान में कहा कि शीर्ष अदालत ने ब्रोकरों की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पी चिदंबरम की दलीलों को खारिज कर दिया।बयान के अनुसार न्यायाधिकरण ने विलम्ब के तकनीकी आधार पर याचिका को दाखिल करने से इनकार कर दिया था। उसके बाद एनएसई को उच्चतम न्यायालय में जाना पड़ा था।

बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने जांच के बाद जिंस खंड में कई ब्रोकरों को काम के लिए सही और उपयुक्त नहीं करार दिया था। नियामक ने ब्रोकरों मोतीलाल ओसवाल कमोडिटीज, इंडिया इनफोलाइन कमोडिटीज, फिलीप कमोडिटीज, आनंद राठी कमोडिटीज और जियोफिन कॉमट्रेड को कामकाज में गड़बड़ी का दोषी पाया था।नियामक का आदेश मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई और एनएसईएल की शिकायत पर आया था।

बयान में कहा गया है, इन ब्रोकरेज कंपनियों को निश्चित रिटर्न का आश्वासन देने, अपने ग्राहक को जानो (केवाईसी) में गड़बड़ी, फर्जी ग्राहक बनाकर बेनामी फंड का उपयोग और ग्राहकों को उनके एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों) के जरिये पैसा लेकर एनएसईएल में कारोबार करने को आकर्षित करने का दोषी पाया गया था। सेबी के आदेश को ब्रोकरों ने न्यायाधिकरण में चुनौती दी थी। एनएसईएल इस मामले में प्रभावित पक्ष था। जब सेबी ने शेयर बाजार के इस मामले में आरोपों और साक्ष्यों पर विचार नहीं किया, तब उसने सैट में अपील दायर की थी।

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