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बीमारी से तंग युवक ने फांसी लगाकर दी जान

शनिवार की रात को मुंडेरवा थाना क्षेत्र के दिकतौली गांव में एक युवक ने कैंसर की बीमारी से तंग आकर फांसी लगा ली। मुंडेरवा पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर घटना के संबंध में परिवार के लोगों से पूछताछ की। रविवार को लालगंज थानाक्षेत्र के कुढवा गांव निवासी मायाराम चौधरी के घर के सामने
बीमारी से तंग युवक ने फांसी लगाकर दी जान

शनिवार की रात को मुंडेरवा थाना क्षेत्र के दिकतौली गांव में एक युवक ने कैंसर की बीमारी से तंग आकर फांसी लगा ली। मुंडेरवा पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर घटना के संबंध में परिवार के लोगों से पूछताछ की।
रविवार को लालगंज थानाक्षेत्र के कुढवा गांव निवासी मायाराम चौधरी के घर के सामने बने शिव मंदिर में मूर्ति की स्थापना कराई जानी थी। मूर्ति के साथ दिन में 11 बजे आसपास गांवों के तमाम श्रद्धालु गाजे बाजे व ट्रैक्टर ट्राली पर सवार होकर संतकबीरनगर जिले के तामेश्वरनाथ शिव मंदिर पर शिव की मूर्ति का मिलन कराने गए थे। मूर्ति मिलन से पूर्व मंदिर के समीप स्थित तालाब में शिव बहादुर स्नान करने लगे। स्नान करते समय वह गहरे पानी में चले गए और डूबने लगे। जब तक मौजूद लोगों ने उन्हें बचाने का प्रयास करते वह पानी में डूब गए। शोर सुनकर आसपास के लोग एकत्र हुए और उन्हें पानी में तलाशना शुरू कर दिया। करीब डेढ़ घंटे बाद उन्हें पानी से बाहर निकाला गया। मौके पर मौजूद खलीलाबाद कोतवाली पुलिस के सहयोग से उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया गया, जहां डाक्टर ने मृत घोषित कर दिया। सोनू की मां का पहले ही निधन हो चुका है।
मुंडेरवा पुलिस को दी गई तहरीर में राममिलन पुत्र नाथू निवासी दिकतौली ने बताया कि उनका 35 वर्षीय पुत्र शिवलाल पिछले कई वर्षों से कैंसर से पीड़ित था। उसका इलाज मुंबई से चल रहा था। बीमारी के कारण वह बहुत परेशान था। बीमारी से तंग आकर उसने कमरे का फाटक अंदर से बंद कर फांसी लगा लिया। मौके पर मुंडेरवा के प्रभारी निरीक्षक सत्येंद्र कुंवर, एसआइ रवींद्र सिंह अपनी टीम के साथ पहुंचे। फाटक तोड़कर शव को फंदे से उतरवाया। थाना प्रभारी ने बताया कि मृतक कैंसर की बीमारी को लेकर चितित रहता था। पत्नी विमलावती व आठ वर्षीय पुत्री सोनाली का रो-रो कर बुरा हाल है। शिवलाल मुंबई में अपने भाइयों के साथ शटरिग का कार्य करता था। वहीं पर काम करते समय उसके चेहरे पर चोट लग गई थी। उपचार कराया गया, लेकिन ठीक न होने पर उसके भाइयों ने उसे घर भेज दिया। बस्ती में डाक्टर को दिखाने पर छह माह पहले ही उसे कैंसर होने की जानकारी हुई।

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