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बिलासपुर : नई सुविधा:साइंस कॉलेज के प्राध्यापक तरुण ने बनाई ऐसी डिवाइस, जो इंश्योरेंस सेक्टर में होने वाले फ्राड रोकेगी, फायदेमंद है या नहीं यह भी बताएगी

इंश्योरेंस सेक्टर में लगातार फ्राड हो रहा है। इसे देखते हुए साइंस कॉलेज के प्राध्यापक ने इसे रोकने के लिए डिवाइस बनाने की सोची। प्राध्यापक तरुण धर दीवान ने अपने सहयोगी प्रो. राजेश तिवारी के साथ मिलकर इंश्योरेंस सर्विस फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम तैयार किया है।साइंस कॉलेज के प्राध्यापक दीवान ने बताया कि जब भी कोई
बिलासपुर : नई सुविधा:साइंस कॉलेज के प्राध्यापक तरुण ने बनाई ऐसी डिवाइस, जो इंश्योरेंस सेक्टर में होने वाले फ्राड रोकेगी, फायदेमंद है या नहीं यह भी बताएगी

इंश्योरेंस सेक्टर में लगातार फ्राड हो रहा है। इसे देखते हुए साइंस कॉलेज के प्राध्यापक ने इसे रोकने के लिए डिवाइस बनाने की सोची। प्राध्यापक तरुण धर दीवान ने अपने सहयोगी प्रो. राजेश तिवारी के साथ मिलकर इंश्योरेंस सर्विस फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम तैयार किया है।साइंस कॉलेज के प्राध्यापक दीवान ने बताया कि जब भी कोई व्यक्ति अपने फाइनेंशियल लॉस, हेल्थ इंश्योरेंस, कार रिपेयरिंग और मेंटेनेंस करना होता तब वह इंश्योरेंस पॉलिसी का उपयोग करता है, पर उसे उसका पूरा लाभ या उपयोग नहीं मिल पाता। क्योंकि उसे पॉलिसी की पूरी जानकारी नहीं होती है। ऐसी बहुत सारी घटनाएं सामने आती हैं। जिसमें लोग धोखा-धड़ी या समय पर क्लेम न कर पाने वाले शिकार होते हैं। ऐसे में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंट से बनाया गया रिसर्च मॉडल जो की पूरी पॉलिसी के डिटेल और बताए गए टर्म और कंडीशन सही हैंं कि नहीं, उसे बनाए गए अल्गोरिथम की मदद से वेरिफाई करेगा।
यह सिस्टम अगर आप इश्योरेंस ले रहे हैं तो वह फायदेमंद है कि नहीं, समय से किश्त जमा हो रही है कि नहीं, इसका फायदा कैसे लेंगे सहित अन्य जानकारियां देगा। भारत सरकार के कंट्रोलर जनरल ऑफ पेटेंट्स, डिजाइन एंड ट्रेड मार्क, डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल पॉलिसी एंड प्रमोशन, मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री रिसर्च ने प्राध्यापक दीवान के इस मॉडल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और बिग डेटा एनालिटिक्स आधारित इंश्योरेंस सर्विस फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम को पेटेंट दिया है।

यह डिवाइस दस्तावेज को भी सुरक्षित रखेगा
प्राध्यापक दीवान ने बताया कि यह सिस्टम जिस प्लेटफार्म पर उपयोगकर्ता इंश्योरेंस डॉक्यूमेंट भरता है और भरने के बाद उपयोगकर्ता उसे जहां जमा करता है, उन दोनों के बीच के इंटरफेस को सुरक्षित रखता है। साथ ही जो भी डॉक्यूमेंट अप लोडेड है, उसे भी सुरक्षित रखेगा। इंश्योरेंस कंपनी, एजेंट डिटेल, अमाउंट डिटेल, बताई गई स्कीम, इन सब को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस सर्वर वेरिफाई और एनालाइज करेगा, उसके बाद डेटाबेस से

एजेंट की अथॉरिटी है की नहीं, इसकी जानकारी भी देगा। फाइनेंशियल इंस्टीटयूशन डेटाबेस से आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस सर्वर के द्वारा वेरीफिकेशन होने के बाद मैसेज सेंड करेगा और इंश्योरेंस प्रोवाइडर एजेंसी, एजेंट का नाम, इंश्योरेंस कवरेज, कॉस्ट ऑफ इंश्योरेंस, वैलिडिटी पीरियड और सभी डॉक्यूमेंट को साथ ही सुरक्षित रखेगा।

इंश्योरेंस सर्विस फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम इनसे बना है : प्राध्यापक दीवान ने बताया कि इंश्योरेंस सर्विस फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंट सर्वर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंट मेमोरी यूनिट, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंट अल्गोरिथम, डेडिकेटेड डेटाबेस, इंश्योरेंस अथॉरिटी काउंसिल डेटाबेस, फाइनेंशियल इंस्टीटयूशन डेटाबेस, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंट सिक्योरिटी तकनीक का उपयोग हुआ है। उपयोगकर्ता को अलर्ट मैसेज डिटेल डिस्क्रिपशन के वेरिफाइड रिजल्ट प्राप्त होगा।

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