Samachar Nama
×

बस्ती : कोरोना क‌र्फ्यू से सड़क, बाजार व गलियां रही सूनीं

बस्ती : गांव, कस्बे हों या फिर बाजार और गलियां। सब सूनी रहीं, लोग घरों में कैद रहे। कोरोना कर्फ्यू का जिले में व्यापक असर देखने को मिला। केवल आवश्यक सेवाएं दवा, किराना की दुकानें ही खुली रहीं। रविवार को कोरोना कर्फ्यू का कड़ाई से पालन कराया गया। सड़कों पर जहां सन्नाटा रहा, वहीं लोग
बस्ती : कोरोना क‌र्फ्यू से सड़क, बाजार व गलियां रही सूनीं

बस्ती : गांव, कस्बे हों या फिर बाजार और गलियां। सब सूनी रहीं, लोग घरों में कैद रहे। कोरोना क‌र्फ्यू का जिले में व्यापक असर देखने को मिला। केवल आवश्यक सेवाएं दवा, किराना की दुकानें ही खुली रहीं।

रविवार को कोरोना क‌र्फ्यू का कड़ाई से पालन कराया गया। सड़कों पर जहां सन्नाटा रहा, वहीं लोग कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए घरों में कैद रहे। बेवजह घर से बाहर निकले लोगों पर पुलिस ने सख्ती दिखाई। 35 घंटे का कोरोना क‌र्फ्यू जिले में शनिवार को रात आठ बजे से शुरू हुआ जो सोमवार सुबह सात बजे तक प्रभावी रहेगा। कोरोना क‌र्फ्यू का असर रविवार को शहर से लेकर गांव तक दिखा। लोग घरों में कैद रहकर इस महामारी से निपटने में सहयोग किए। इमरजेंसी सेवाओं से संबंधित दुकानें छोड़ सभी छोटी-बड़ी दुकानें बंद रही। दवा की दुकानें खुली रही। गांधीनगर पक्के बाजार में सन्नाटा पसरा रहा।आवश्यक सेवाएं बहाल रही। जो लोग जरूरी कार्य से बाहर निकले पुलिस उनसे पूछताछ करती दिखी। मालवीय रोड से लेकर रोडवेज तक सन्नाटा छाया रहा। कटरा चुंगी से बाइपास तक लोग कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए घरों में रहे। कंपनीबाग, शास्त्री चौक, फौव्वारा तिराहा, पुरानी बस्ती के मंगलबाजार, पांडेय बाजार में कोरोना क‌र्फ्यू का असर दिखा। मिला मौका तो संभाल ली रसोई : रोज की तरह व्यवसाय में व्यस्त रहने वाले युवा व्यवसायी अभिजीत सिंह को जब कोरोना क‌र्फ्यू में एक दिन घर रहने का मौका मिला तो वह रसोई संभाल लिए। पकवान बनाने में व्यस्त रहे। बताया कि सुबह कढ़ाई पनीर बनाई। पूड़ी बनाने के साथ दोपहर में पकौड़ी भी बनाए। बताया कि दिन कैसे बीत गया पता ही नहीं नहीं चला। पूरे दिन घर में रहकर जरूरी कार्य भी निपटाए। वीकेंड संडे के रूप में इसे मनाया। मनोरंजन के लिए मोबाइल, टीबी देखते रहे। बच्चे लूडो खेलते नजर आए।

Share this story