नैटको फार्मा के शेयरों में क्यों निवेश करना चाहिए विश्लेषक क्यों सलाह दे रहे हैं
नैटको फार्मा ने वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही में शानदार नतीजे पेश किए. इन नतीजों से इसने बाजार को चौंका दिया. कंपनी के रेवेन्यू में सालाना आधार पर 65 फीसदी और नेट प्रॉफिट में 70 फीसदी ग्रोथ देखने को मिली. इसके प्रमुख प्रोडक्ट टैमिफ्लू और रेवलिमिड की महामारी के दौरान भारी मांग रही. इन्होंने कंपनी के दूसरी तिमाही के नतीजों को हवा दी. इस ‘औसत से अधिक ग्रोथ’ को चलन नहीं मान लेना चाहिए. यह और बात है कि विश्लेषकों को लगता है कि रिसर्च और डेवपलमेंट पर फोकस करने वाली यह मध्यम आकार की फार्मा बन चूका हैं
आने वाली तिमाही में भी अपना अच्छा प्रदर्शन दोहराएगी. इसकी मुख्य वजह अन्य सेगमेंट में स्थितियों का सामान्य होना है. ये कोविड से जुड़े सेगमेंट में ग्रोथ में नरमी की भरपाई करेंगे. कंपनी के तीसरी तिमाही के रेवेन्यू सालाना आधार पर 18 फीसदी बढ़ने के आसार हैं. इसकी मुख्य वजह एक्सपोर्ट का बढ़ना है. यह कंपनी तीसरी तिमाही में सालाना आधार पर नेट प्रॉफिट में 37 फीसदी ग्रोथ दर्ज कर सकती है.
अमेरिकी बाजारों में कारोबार का आकार बढ़ने से एबिट्डा मार्जिन का सुधरना इसकी हो सकती हैं ऑन्कोलॉजी और हेपेटाइटिस-सी सेगमेंट में कमजोर बिक्री के चलते दूसरी तिमाही में घरेलू कारोबार 11 फीसदी कम हुआ. ऑन्कोलॉजी सेगमेंट में असर ज्यादा गंभीर रहा. कारण है कि कोविड-19 के डर से कैंसर के मरीज अस्पतालों में जानें से बचे. भारत में नैटको ऑन्कोलॉजी सेगमेंट की प्रमुख कंपनी है. इसके 30 से ज्यादा प्रोडक्ट हैं. चूंकि अब महामारी से जुड़ा डर कम हो रहा है. लिहाजा, आने वाली तिमाहियों में अन्य डिवीजनों से बिक्री सामान्य होनी चाहिए.नैटको ने अमेरिका में अपने लिए एक अलग मार्केट तैयार कर लिया है. वहां इसकी पाइपलाइन में कई प्रोडक्ट हैं. इसने 55 से ज्यादा एएनडीए एप्लीकेशन फाइल की हैं. इनमें से ज्यादातर बिल्कुल अलग तरह के प्रोडक्टों के लिए हैं. इसके अमेरिकी कारोबार का फोकस कैंसर, एंटी-वायरल, इम्यून सप्रेशन इत्यादि जैसे क्षेत्रों में है. यह जल्द ही 1-2 कॉम्प्लेक्स प्रोडक्ट लॉन्च कर सकती है. अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए नैटको ने कई कंपनियों के साथ गठजोड़ किया है.
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