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नुमालीगढ़ रिफाइनरी में हिस्सेदारी 9,876 करोड़ में बेचेगी बीपीसीएल जाने क्या है ख़ास

भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल) ने असम की नुमालीगढ़ रिफाइनरी से बाहर निकलने की घोषणा की है। बीपीसीएल ने सोमवार को कहा कि वह नुमालीगढ़ रिफाइनरी में अपनी समूची हिस्सेदारी ऑयल इंडिया लि. (ओआईएल) तथा इंजीनियर्स इंडिया लि. (ईआईएल) के गठजोड़ को 9,876 करोड़ रुपये में बेचेगी। उल्लेखनीय है कि सरकार बीपीसीएल के निजीकरण की
नुमालीगढ़ रिफाइनरी में हिस्सेदारी 9,876 करोड़ में बेचेगी बीपीसीएल जाने क्या है ख़ास

भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल) ने असम की नुमालीगढ़ रिफाइनरी से बाहर निकलने की घोषणा की है। बीपीसीएल ने सोमवार को कहा कि वह नुमालीगढ़ रिफाइनरी में अपनी समूची हिस्सेदारी ऑयल इंडिया लि. (ओआईएल) तथा इंजीनियर्स इंडिया लि. (ईआईएल) के गठजोड़ को 9,876 करोड़ रुपये में बेचेगी। उल्लेखनीय है कि सरकार बीपीसीएल के निजीकरण की तैयारी कर रही है।नुमालीगढ़ रिफाइनरी लि. की बिक्री से देश की दूसरी सबसे बड़ी खुदरा ईंधन कंपनी के निजीकरण का रास्ता साफ हो जाएगा। असम शांति समझौते के तहत सरकार ने नुमालीगढ़ रिफाइनरी लि. (एनआरएल) को सार्वजनिक क्षेत्र में रखने का फैसला किया है। इसके तहत बीपीसीएल द्वारा एनआरएल में अपनी समूची 61.65 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को की जाएगी।

बीपीसीएल के निदेशक मंडल ने एक मार्च, 2021 को हुई बैठक में एनआरएल में बीपीसीएल के समूचे 445.35 करोड़ इक्विटी शेयरों को ओआईएल और ईएलआई तथा असम सरकार के गठजोड़ को बेचने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। ओआईएल तथा इंजीनियर्स इंडिया लि. का गठजोड़ संभवत: 49 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगा। शेष 13.65 प्रतिशत हिस्सेदारी असम सरकार करेगी।एनआरएल की बिक्री के बाद बीपीसीएल के पास तीन…मुंबई, कोच्चि (केरल) और बीना (मध्य प्रदेश) की रिफाइनरियां बचेंगी। सरकार बीपीसीएल में अपनी समूची 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने जा रही है। इसे आज का सबसे बड़ा निजीकरण कहा जा रहा है।

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