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दुर्ग : कोरोना का कहर:7 दिनों के सरकारी रिकॉर्ड में 31 मौतें, लेकिन दुर्ग-भिलाई के 4 मुक्तिधाम में ही इस दौरान 146 कोरोना संक्रमित शव जलाए गए

जिले में कोरोना से मौत के आंकड़े अलग-अलग दर्शाए जा रहे। सरकारी रिकॉर्ड में जहां पिछले 7 दिन में 31 मौतें बताई जा रही। वहीं जिले के चार प्रमुख मुक्तिधाम जहां कोरोना से मरने वालों के जलाया जा रहा, वहां इन 7 दिनों में 146 को जलाया गया। भास्कर ने चार प्रमुख मुक्तिधाम शिवनाथ नदी
दुर्ग : कोरोना का कहर:7 दिनों के सरकारी रिकॉर्ड में 31 मौतें, लेकिन दुर्ग-भिलाई के 4 मुक्तिधाम में ही इस दौरान 146 कोरोना संक्रमित शव जलाए गए

जिले में कोरोना से मौत के आंकड़े अलग-अलग दर्शाए जा रहे। सरकारी रिकॉर्ड में जहां पिछले 7 दिन में 31 मौतें बताई जा रही। वहीं जिले के चार प्रमुख मुक्तिधाम जहां कोरोना से मरने वालों के जलाया जा रहा, वहां इन 7 दिनों में 146 को जलाया गया।

भास्कर ने चार प्रमुख मुक्तिधाम शिवनाथ नदी मुक्तिधाम, रामनगर मुक्तिधाम, रिसाली मुक्तिधाम और दादर मुक्तिधाम चरोदा के रिकॉर्ड खंगाले। रजिस्टर का जायजा लिया, इसके बाद यह खुलासा हुआ है। जिला अस्पताल में इन 7 दिनों में 25 की मौत कोरोना से हुई, लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में यह 31 दर्ज है। इस तरह 26 मार्च से 1 अप्रैल तक के सरकार और मुक्तिधामों के आंकड़ों में 115 से ज्यादा मौतों का अंतर आ रहा है। ऐसा तब है जब ग्रामीण क्षेत्र, मुस्लिम, इसाई समुदाय और कबीरपंथ को मानने वाले लोगों के आंकड़े शामिल नहीं हैं। 6 दिनों में रामनगर कब्रि. में 8 दफनाए गए।

रिसाली मुक्तिधाम 05 मौतें

रिसाली मुक्तिधाम 26 मार्च के बाद से 1 अप्रैल तक 5 मौतें हुईं। इसकी पूरी एंट्री भास्कर के पास उपलब्ध है। इन सभी को मुक्तिधाम में जलाया गया। रिकॉर्ड में कोरोना से मौत दर्शाया गया।

दादर मुक्तिधाम चरोदा 04 मौतें

पिछले 7 दिनों में दादर मुक्तिधाम चरोदा में 4 कोरोना संक्रमितों को मौत के बाद जलाया गया। स्वास्थ्य अधिकारी अश्वनी चंद्राकर ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि 31 मार्च को ही ये चार मौत हुई।

 

सात दिनों में आप 31 मौतें बता रहे, मुक्तिधामों में 146 जलाए गए, इतना गैप क्यों?
मुक्तिधामों में पहुंचने वाले ज्यादातर कोविड पॉजिटिव सस्पेक्टेड होते हैं। इसलिए उन्हें कोविड पॉजिटिव नहीं दर्शाया गया है। ऐसे लोगों के बारे में जानकारी ली जा रही है।
आपके दफ्तर से उन्हें कोविड पॉजिटिव बताया गया है, परिजनों के पास रिपोर्ट है?
डेथ ऑडिट हो रही है, जितनी भी मौतों के आंकड़े नहीं जोड़े गए हैं। सभी की सभी मुख्य आंकड़ों में जोड़ लिए जाएंगे। डेथ ऑडिट कराई जा रही है।

कोविड से होने वाली कोई मौतें छिपाई नहीं जा रही हैं। हम रेगुलर मौतों का ऑडिट करा रहे हैं। अभी जो भी अंतर आ रहा है, वह ऑडिट के बाद जुड़ जाएगा।

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