Samachar Nama
×

ड्राइविंग लाइसेंस होने के बाद भी लोगो को ट्रैफिक नियमों के बारे में जानकारी नहीं देखे रिपोर्ट

हाल ही में ऑटोमोबाइल कंपनी की तरफ से कराए गए एक सर्वे में खुलासा हुआ है कि ड्राइविंग लाइसेंस रखने वाले 95 फीसदी लोग ट्रैफिक सुरक्षा कानूनों के बारे में 50 फीसदी भी नहीं जानते हैं। सर्वे में खुलासा हुआ कि देश के टॉप शहरों दिल्ली और मुंबई में कई लोग ऐसे थे, जिनके पास
ड्राइविंग लाइसेंस होने के बाद भी  लोगो को ट्रैफिक नियमों के बारे में जानकारी नहीं देखे रिपोर्ट

हाल ही में ऑटोमोबाइल कंपनी की तरफ से कराए गए एक सर्वे में खुलासा हुआ है कि ड्राइविंग लाइसेंस रखने वाले 95 फीसदी लोग ट्रैफिक सुरक्षा कानूनों के बारे में 50 फीसदी भी नहीं जानते हैं। सर्वे में खुलासा हुआ कि देश के टॉप शहरों दिल्ली और मुंबई में कई लोग ऐसे थे, जिनके पास लाइसेंस होने के बावजूद उन्हें ट्रैफिक नियम-कायदों की जानकारी ही नहीं है। ट्रैफिक नियमों को लेकर यह बड़ी लापरवाही है, जो हादसों के न्योता दे रही है।
ड्राइविंग लाइसेंस होने के बाद भी  लोगो को ट्रैफिक नियमों के बारे में जानकारी नहीं देखे रिपोर्ट
हाल ही में फोर्ड इंडिया की तरफ से कराए गए एक सर्वे Cartesy 2.0 में 1561 वाहन चालकों ने हिस्सा लिया था। सर्वे में शामिल लोगों से मल्टीपल च्वाइस वाले 31 सवाल पूछे गए थे, जैसे कि आरटीओ में लाइलेंस के लिए आवेदन करते वक्त पूछे जाते हैं। इनमें 60 फीसदी नंबर हासिल करने वाले लोगों को लर्निंग लाइसेंस जारी कर दिया जाता है।ड्राइविंग लाइसेंस होने के बाद भी  लोगो को ट्रैफिक नियमों के बारे में जानकारी नहीं देखे रिपोर्ट
दिल्ली और मुंबई के ड्राइवर फेल!देश के छह शहरों में कराए गए सर्वे में सामने आया कि दिल्ली और मुंबई के ड्राइवरों को सबसे कम अंक मिले, जबकि कोलकाता और चेन्नई के ड्राइवरों को सर्वाधिक अंक दिए गए। जब उनसे पूछा गया कि वे ट्रैफिक नियमों की अनदेखी क्यों करते हैं, तो उनका जवाब था उन्हें जल्दी या कोई इमरजेंसी थी। वहीं कुछ लोगों ने खराब इंफ्रास्ट्रक्चर को भी वजह बताया। उन्होंने कहा कि सड़कों पर गड्ढे थे या उन्हें रोड साइन दिखाई नहीं दिएष वहीं रेडलाइट जंप करने को लेकर उनका तर्क था कि वहां कोई खड़ा नहीं था अथवा कोई उन्हें देख नहीं रहा था। या फिर बाकी लोग भी नियम तोड़ रहे थे।

ड्राइविंग लाइसेंस होने के बाद भी  लोगो को ट्रैफिक नियमों के बारे में जानकारी नहीं देखे रिपोर्ट

सर्वे के मुताबिक 97 फीसदी लोग मानते हैं कि ड्राइविंग के दौरान मोबाइल फोन के प्रयोग से ध्यान भटकता है। 80 फीसदी वाहन चालकों का कहना था कि तेज रफ्तार ड्राइविंग से सबसे ज्यादा हादसे होते हैं।दिल्ली के 47 फीसदी लोगों ने माना कि वे ड्राइविंग के दौरान फोन का प्रयोग करते हैं, वहीं कोलकाता के 70 फीसदी लोग ऐसा करते हैं।कोलकाता के 65 फीसदी लोग रॉन्ग साइड ड्राइविंग करते हैं, जबकि दिल्ली में यह आंकड़ा 51 फीसदी है।दिल्ली में मात्र 29 फीसदी, बंगलुरु और हैदराबाद में क्रमशः 32, 33 फीसदी और कोलकाता में 71 फीसदी लोग रात में डिपर का इस्तेमाल करते हैं। दिल्ली में 28 फीसदी ड्राइवर ही लेन बदलने के लिए इंडीकेटर चलाते हैं, जबकि बंगलुरु और हैदराबाद में क्रमशः 35, 38 फीसदी लोग ही ऐसा करते हैं।दिल्ली में 29 फीसदी लोगों ने कहा कि वे सीट बेल्ट लगाते हैं। वहीं मात्र 32 फीसदी दिल्लीवासी ट्रैफिक लाइट्स को मानते हैं। जबकि 80 फीसदी दिल्ली वाले ड्राइविंग करते वक्त मल्टीटास्किंग भी करते हैं।

 

Share this story