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झुंझुनूं:  आपदा में तैयार करें खुद को:पौने चार लाख बच्चे बिना परीक्षा प्रमोट, एक्सपर्ट ने कहा-खुद ही पेपर बनाकर परखें अपने आप को

बीते पूरे साल उनकी पढ़ाई और परीक्षा को लेकर असंमजस ही बना रहा और आखिरकार जब ऑनलाइन पढ़ाई करके ही सही परीक्षा की घड़ी आई तो कोरोना के बढ़ते असर के बीच इन्हें रद्द और स्थगित करना पड़ा।कोरोना की इस महाआपदा में सबसे बड़ी परीक्षा से बच्चे भी गुजरे हैं। 10 वीं और 12 वीं
झुंझुनूं:  आपदा में तैयार करें खुद को:पौने चार लाख बच्चे बिना परीक्षा प्रमोट, एक्सपर्ट ने कहा-खुद ही पेपर बनाकर परखें अपने आप को

बीते पूरे साल उनकी पढ़ाई और परीक्षा को लेकर असंमजस ही बना रहा और आखिरकार जब ऑनलाइन पढ़ाई करके ही सही परीक्षा की घड़ी आई तो कोरोना के बढ़ते असर के बीच इन्हें रद्द और स्थगित करना पड़ा।कोरोना की इस महाआपदा में सबसे बड़ी परीक्षा से बच्चे भी गुजरे हैं।

10 वीं और 12 वीं की परीक्षा काे माध्यमिक शिक्षा बाेर्ड ने स्थगित कर दिया हैं। केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बाेर्ड ने 10 वीं की परीक्षा काे निरस्त कर दिया है। 12 वीं की बाेर्ड परीक्षा काे जून तक के लिए स्थगित कर दिया गया हैं।शिक्षा विभाग ने पहली से नवीं तथा 11 वीं कक्षाओं के स्टूडेंट्स काे बिना परीक्षा कराएं ही अगली कक्षा में प्रमाेट कर दिया हैं। इस तरह जिले में करीब पौने चार लाख बच्चे प्रभावित होंगे।

कमजोर नहीं रह जायेंगे या फिर बच्चों ने खासकर बोर्ड एग्जाम्स को लेकर जो तैयारी की है। उसका क्या होगा। बच्चों में इन सबको लेकर समंजस है।सरकार के इस फैसले के बाद यह भी बहस खड़ी हो गई है कि क्या इससे बच्चे पढ़ाई में इन सबको लेकर एक्सपर्ट से बात की तो उनका कहना था कि परीक्षा रद्द या स्थगित करना मजबूरी भरा फैसला हो सकता है।

यह अभी बहस का विषय नहीं है। हाल फिलहाल बच्चों को चाहिए कि वे खुद का आंकलन खुद करें। खुद को ईमानदारी से परखें। एक्सपर्ट का कहना है कि बच्चे ऑनलाइन टीचर या माता पिता के सहयोग से घर पर ही पेपर तैयार करें और ईमानदारी से परीक्षा दें। इससे आपदा का यह अवसर उनके लिए एक नई क्रिएटीविटी में भी बदल जाएगा।

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