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गोपालगंज: जिले में 31 दिन में संक्रमित हुए 3976 लोग, 702 मरीजों ने वायरस को हराया

पिछले 13 माह के कोरोना काल में इस बार अप्रैल के दूसरे सप्ताह से अब तक दिन सबसे भयावह साबित हो रहा है। खासकर कोरोना काउंट के मामले में। 15 अप्रैल से 3 मई के बीच अब तक का सबसे ज्यादा संक्रमण फैला। इस दौरान रोजाना 1200 से 1400 लोगों की जांच हुई है। इसमें
गोपालगंज: जिले में 31 दिन में संक्रमित हुए 3976 लोग, 702 मरीजों ने वायरस को हराया

पिछले 13 माह के कोरोना काल में इस बार अप्रैल के दूसरे सप्ताह से अब तक दिन सबसे भयावह साबित हो रहा है। खासकर कोरोना काउंट के मामले में। 15 अप्रैल से 3 मई के बीच अब तक का सबसे ज्यादा संक्रमण फैला। इस दौरान रोजाना 1200 से 1400 लोगों की जांच हुई है। इसमें 3976 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले। इसी बीच होने वाली 20 मौत को देख जिले के लोग भयभीत हो गए। हालांकि संक्रमित हुए लोगों ने अपना हौसला बनाए रखा और जिस गति से संक्रमण फैला उसी गति से जिलेवासियों ने कोरोना को मात देने का कमाल कर दिखाया।कोरोना काल के 13 महीने की बात करें तो कुल 6 लाख 70 हजार लोगों का जांच किया गया। इनमें से अब तक 9 हजार 644 लोग पॉजिटिव हुए हैं। अप्रैल 2020 से अप्रैल 2021 के बीच 6 हजार 186 लोगों को वायरस को हराया है। इस अवधि में 36 लोगों की जान गई है। मालूम हो कि जिले में 16 अप्रैल से कोरोना से लोगों की मौत होना शुरू हो गई। एक के बाद एक कर 20 लोग दम तोड़ गए।
कई मरीजों में परेशानी बढ़ने का सबसे बड़ा कारण देरी से जांच कराना है। लक्षण आने पर कई लोग तुरंत अस्पताल जाने से कतराते हैं। सदर अस्पताल में कोरोना मरीजों का इलाज करने वाले नोडल अधिकारी डॉ. एसके झा ने बताया कि कोरोना से जितने भी लोगों की परेशानी बढ़ी है। वे सब लक्षण आने बाद देरी से अपनी जांच कराएं हैं। कई दिनों तक गांव में ही इलाज कराते रहें। बाद में गंभीर स्थिति हो जाने के बाद अस्पताल पहुंचे। उन्होंने बताया कि ऐसे मरीज गंवई डॉक्टरों से गांव में ही इलाज कराने के बजाए पहले ही अस्पताल आ जाते तो उन्हें इतना इंफेक्शन ही नहीं हो पाता। स्वस्थ हुए मरीजों की स्टडी में भी यही बात सामने आई है। जो मरीज इतना जल्दी अस्पताल पहुंचा वह उतना ही तेजी से रिकवर हुआ।अप्रैल के दूसरे सप्ताह में मरीजों की मृत्यु की खबर सुनकर अन्य संक्रमित भी हौसला हारने लगे। लेकिन इसी बीच हो आइसोलेशन व अस्पताल में भर्ती 58 लोग तेजी से रिकवर होने लगे। ऐसे लोगों को देख अन्य पॉजिटिव मरीजों की हिम्मत बढ़ी और देखते ही देखते स्वस्थ होने वाले मरीजों का आंकड़ा बढ़ने लगा। स्थिति यह रही कि 30 अप्रैल तक सामने आए कुल 3611 संक्रमितों में से 702 मरीजों ने कोरोना से जंग जीत ली और स्वस्थ होकर घर लौट आए।

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