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गाड़ी री-कॉल करने के अंतरराष्ट्रीय मानकदेश में पहली बार लागू होंगे जाने क्या नहोता है इससे

विदेशों की तर्ज पर भारत में नए साल से सुरक्षित कारों की बिक्री सुनिश्चित हो जाएगी। नए साल में सरकार ने व्हीकल री-कॉल नियम लागू करने का मन बना लिया है। इस नियम के तहत मैकेनिकल-इलेक्ट्रिकल खामी होने पर निर्माता कंपनियों को कारों की पूरी खेप वापस लेनी होगी। मौजूदा समय में देश में व्हीकल

विदेशों की तर्ज पर भारत में नए साल से सुरक्षित कारों की बिक्री सुनिश्चित हो जाएगी। नए साल में सरकार ने व्हीकल री-कॉल नियम लागू करने का मन बना लिया है। इस नियम के तहत मैकेनिकल-इलेक्ट्रिकल खामी होने पर निर्माता कंपनियों को कारों की पूरी खेप वापस लेनी होगी।गाड़ी री-कॉल करने के अंतरराष्ट्रीय मानकदेश में पहली बार लागू होंगे जाने क्या नहोता है इससे

मौजूदा समय में देश में व्हीकल री-कॉल करने की प्रथा नहीं है। लेकिन अब वाहनों के वजन से लेकर निर्माण प्रक्रिया, संचालन आदि के मानक तय करने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड के अधीन होगी।सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार ने देश में पहली बार व्हीकल री-कॉल संबंधी अंतरराष्ट्रीय मानक लागू किए जा रहे हैं।गाड़ी री-कॉल करने के अंतरराष्ट्रीय मानकदेश में पहली बार लागू होंगे जाने क्या नहोता है इससे

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार ने देश में पहली बार व्हीकल री-कॉल संबंधी अंतरराष्ट्रीय मानक लागू किए जा रहे हैं। इसके तहत कारों और दूसरे वाहनों में मैकेनिकल-इलेकट्रिकल खामी होने पर कंपनियों को वाहनों की पूरी खेप वापस (व्हीकल री-कॉल) मंगवाना अनिवार्य होगा। कंपनियों को पूरी खेप के वाहनों की त्रुटियों को ठीक कर उपभोक्ताओं को देनी होगी। इसके लिए उपभोक्ताओं से शुल्क अथवा सर्विस चार्ज के नाम पर पैसे नहीं लिए जाएंगे।गाड़ी री-कॉल करने के अंतरराष्ट्रीय मानकदेश में पहली बार लागू होंगे जाने क्या नहोता है इससे

अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में भारत में व्हीकल री-कॉल की प्रथा नहीं है। जबकि अतंरराष्ट्रीय मानक में वाहन की किसी खेप में पांच फीसदी त्रुटि होने पर पूरी खेप वाहन निर्माता कंपनी के लिए वापस लेना अनिवार्य है। नई व्यवस्था में निजी और व्यावसायिक वाहनों के वजन, डिजाइन, निर्माण, विनिर्माण प्रक्रिया, संचालन, रख रखाव, वाहनों में सुरक्षा उपकरण आदि के मानक तय करना और निगरानी का कार्य राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड के अधीन होगा।

 

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