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कोरोना से प्रभावित हो चूका पर्यटन व आतिथ्य क्षेत्र, क्या बित्त मंत्री के पिटारे से क्या मिलेगी राहत पर्यटन के लिए

महामारी से लगभग सभी क्षेत्रों पर बुरा प्रभाव पड़ा है। कोरोना काल के दौरान सबसे ज्यादा नुकसान जिन क्षेत्रों को उठाना पड़ा, उनमें से एक है पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र। बीते वर्ष हवाई यात्रा से लेकर रेलवे तक, सभी सेवाएं बाधित हुई थीं। इसके मद्देनजर पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र ने आगामी आम बजट से उम्मीद
कोरोना से प्रभावित हो चूका  पर्यटन व आतिथ्य क्षेत्र, क्या बित्त मंत्री के पिटारे से क्या मिलेगी राहत पर्यटन के लिए

महामारी से लगभग सभी क्षेत्रों पर बुरा प्रभाव पड़ा है। कोरोना काल के दौरान सबसे ज्यादा नुकसान जिन क्षेत्रों को उठाना पड़ा, उनमें से एक है पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र। बीते वर्ष हवाई यात्रा से लेकर रेलवे तक, सभी सेवाएं बाधित हुई थीं। इसके मद्देनजर पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र ने आगामी आम बजट से उम्मीद जताते हुए सरकार से कई सिफारिशें की हैं, ताकि covid-19 महामारी के प्रकोप से उबरा जा सके। भारतीय पर्यटन और आतिथ्य के संघों के महासंघ (एफएआईटीएच) ने एक बयान में कहा कि केंद्र और राज्यों के बीच पर्यटन को लेकर साझा दृष्टिकोण सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मुख्यमंत्रियों की एक राष्ट्रीय पर्यटन परिषद का गठन किया जाए, जिसमें पर्यटन मंत्री भी शामिल हों। महासंघ ने देशभर में पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने के लिए कहा है। महासंघ के कार्यवाहक सीईओ आशीष गुप्ता ने कहा था कि, ‘एफएआईटीएच के सदस्य सामूहिक रूप से सरकार के विभिन्न सदस्यों के संपर्क में हैं और उन्हें आम बजट में उचित राहत मिलने की उम्मीद है।’ उन्होंने कहा कि एफएआईटीएच ने पर्यटन क्षेत्र के लिए कई तरह की कर राहत की सिफारिश भी की है, जिसमें निर्यात आय को कर मुक्त बनाने और और भारत में यात्रा करने पर आयकर छूट दिए जाने की बात शामिल है।

भारतीय होटल और रेस्टोरेंट संघ के महासंघ (एफएचआरएआई) के उपाध्यक्ष गुरबख्श सिंह कोहली ने कहा कि, ‘पिछले कुछ महीनों में आतिथ्य उद्योग महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुआ है और आगामी केंद्रीय बजट यह निर्धारित करेगा कि हम यहां से किस रास्ते से जाएंगे। उद्योग को सरकार से बहुत उम्मीदें हैं। चूंकि उद्योग को अब तक बहुत मदद नहीं मिली है, इसलिए एफएचआरएआई को उम्मीद है कि आगामी बजट में आतिथ्य उद्योग पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।हालांकि वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अनुमान लगाया था कि सरकार अगले वित्त वर्ष में विदेश यात्राओं के लिए बजट आवंटन में 75 फीसदी तक की कटौती कर सकती है। वित्त मंत्रालय में संयुक्त सचिव मदनेश कुमार मिश्रा ने कहा कि ऐसे समय में जब सभी गतिविधियां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ऑनलाइन माध्यमों से चल रही है तब सरकार ‘कम महत्वपूण खर्च’ में कटौती कर सकती है। मिश्रा एक्सएलआरआई द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।

‘हॉस्पिटैलिटी एक ऐसा उद्योग है जो बहुत लंबे समय से चलता आ रहा है। हॉस्पिटैलिटी उद्योग उन कई उद्योगों में से एक है जो चल रहे कोरोना वायरस महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। 2021 के बजट के साथ, हमारी आशा है कि सरकार टूरिज्म एवं हॉस्पिटैलिटी के जीएसटी को थोड़ा आसान बनाएगी और रेस्टोरेंट को उनकी खरीद पर इनपुट लेने की अनुमति देगी। होटल और रेस्टोरेंट पहले से ही नए तरीकों की खोज कर रहे हैं ताकि उनकी जगहों और सेवाओँ को ज्यादा से ज्यादा लोगो तक पहुंचा सके, और यह प्रवृत्ति 2021 में भी जारी रहने की उम्मीद है। इसलिए हॉस्पिटैलिटी एवं आतिथ्य क्षेत्र, एक फरवरी को आने वाले केंद्रीय बजट में व्यावहारिक नीतियों, कम करों और आसान अनुपालन उपायों की तलाश कर रहा है। होटलों द्वारा दी जाने वाली सेवाओं पर लगने वाले जीएसटी दरों में कटौती से मदद मिलेगी। उदाहरण के लिए, कमरे की बुकिंग पर जीएसटी को 18 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी किया जाना चाहिए जो लोगो को होटल बुक करने में बढ़ावा देगा एवं होटलों में सुधार करेगा और भारतीय होटलों को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद करेगा।’

 

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