Samachar Nama
×

केंद्र के जल जीवन मिशन को छत्तीसगढ़ में झटका! छत्तीसगढ़ सरकार ने किए 10 हजार करोड़ के टेंडर रद्द

हाल ही में मिली जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी परियोजना जल जीवन मिशन को छत्तीसगढ़ में एक बड़ा झटका लगा है। हाल ही में परियोजना में अनियमितताओं की शिकायत के चलते भूपेश बघेल सरकार ने इस योजना के तहत आने वाली सभी आवंटन प्रक्रिया को ही रद्द कर दिया है। जिसके
केंद्र के जल जीवन मिशन को छत्तीसगढ़ में झटका! छत्तीसगढ़ सरकार ने किए 10 हजार करोड़ के टेंडर रद्द

हाल ही में मिली जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी परियोजना जल जीवन मिशन को छत्तीसगढ़ में एक बड़ा झटका लगा है। हाल ही में परियोजना में अनियमितताओं की शिकायत के चलते भूपेश बघेल सरकार ने इस योजना के तहत आने वाली सभी आवंटन प्रक्रिया को ही रद्द कर दिया है। जिसके चलते अब इस योजना का पूरा होना लगभग नामुनकिन है। बताना चाहएंगे की इस परियोजना के लिए सरकार ने चार महीने पहले निर्माण कार्यों को पूरा करने के लिए आवेदन आमंत्रित किये थे। जिसके तहत सरकार लगभग 10 हजार करोड़ के ऑर्डर तो आवंटित भी कर चुकी थी।

पर हाल ही में सरकार की और से जारी एक बयान में बताया गया की जीवन मिशन के तहत जारी किए गए सभी टेंडरों को रद्द किया जा रहा है और साथ ही इस पर केंद्र सरकार के निर्देशों के तहत कार्रवाई भी की जाएगी। मामले की जाँच में जानकरी में सामने आया की ये फैसला एक कमेटी की जाँच के आधार पर लिया गया है। जानकारी के अनुसार कुछ स्थानीय कॉन्ट्रैक्टरों ने सीएम ऑफिस से बाहरी लोगों को टेंडर देने की शिकायत की थी जिसके चलते सीएम बघेल ने जांच के लिए मुख्य सचिव के नेतृत्व में एक तीन सदस्यीय कमेटी का गठन करने का आदेश दिया था। जिसके चलते ही सरकार ने कमेटी के गठन के तीन दिन सभी टेंडर रद्द कर दिए।

इस परियोजना में 1300 कंपनियों को काम आवंटित हुआ था जिसमे से कुछ 13 को 100 करोड़ रुपए से ज्यादा के ऑर्डर मिले थे और बाकि को इससे कम के। व्ही जेएमसी प्रोजेक्ट्स को 722.78 करोड़ , जैन इरिगेशन को 933.34 करोड़ और पटेल इंजीनियरिंग को 606.81 करोड़ के सबसे बड़े टेंडर मिले थे।

गजेंद्र सिंह शेखावत से जब छत्तीसगढ़ सरकार के टेंडर रद्द करने के फैसले के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा की पानी राज्य का आंतरिक विषय है।जिसके कारण इसमें योजना बनाना, लागू करना, चलाना और मेंटेन करना राज्य की जिम्मेदारी है। साथ ही अगर यह पूरी तरह से राज्य का ही मामला है, तो उन्हें ही इसके खर्च, इसके काम करने के तरीके भी उनकी ही जिम्मेदारी होगी ।”

Share this story