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आंतरिक सर्वे के नतीजे भाजपा के लिए खराब, नीतीश कुमार की लोकप्रियता मे आई कमी

भाजपा के द्वारा 25 से 28 अगस्त के बीच की गई एक आंतरिक सर्वे के नतीजे से पता चला की पिछले 15 साल से सत्ता संभाले हुए नीतीश कुमार की लोकप्रियता इस बार कम हो गई है। पिछले कुछ बड़े प्रदेशों में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है शायद इसलिए इस बार भाजपा
आंतरिक सर्वे के नतीजे भाजपा के लिए खराब, नीतीश कुमार की लोकप्रियता मे आई कमी

भाजपा के द्वारा 25 से 28 अगस्त के बीच की गई एक आंतरिक सर्वे के नतीजे से पता चला की पिछले 15 साल से सत्ता संभाले हुए नीतीश कुमार की लोकप्रियता इस बार कम हो गई है।
पिछले कुछ बड़े प्रदेशों में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है शायद इसलिए इस बार भाजपा कोई भी जोखिम नहीं उठाना चाहती। भाजपा ने बिहार चुनाव से पहले नतीजों का अनुमान लगाने के लिए एक आंतरिक सर्वे कराया था जिसमें महासचिव एमएलसी और प्रदेश के उपाध्यक्ष की 90 लोगों की टीम तैयार की थी जो 25 से 28 अगस्त के बीच मंडल स्तर तक जाकर जानकारी इकट्ठा कर रही थी। इस सर्वे का परिणाम भाजपा के लिए अच्छा नहीं आया क्योंकि नतीजों के मुताबिक नीतीश कुमार की लोकप्रियता जनता के बीच कम हो गई है।
इस सर्वे के मुताबिक नितीश कुमार का भाजपा छोड़कर आरजेडी में जाना और फिर आरजेडी छोड़कर भाजपा में वापस आ जाना उनकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा करता है और नीतीश कुमार कहीं ना कहीं लालू प्रसाद यादव के खिलाफ नरम मिजाज पाए जाते हैं जोकि भाजपा की आक्रामकता से मेल नहीं खा पाती।
सर्वे के मुताबिक बिहार की जनता नीतीश कुमार के आखिरी कार्यकाल में किए गए कार्यों से खुश नहीं है और भाजपा ने अपने इस सर्वे के परिणामों को बिहार उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी और भाजपा के प्रदेश प्रभारी भूपेंद्र यादव को सौंप दी है और तय किया है कि इस बार बिहार चुनाव में नरेंद्र मोदी का चेहरा और कार्य के बल पर लड़ेंगे।
जेडीयू नेता एवं बिहार सरकार के मंत्री महेश्वर हजारी में भाजपा द्वारा किए गए इस सर्वे पर बोला है कि नितीश कुमार की लोकप्रियता घटी नहीं है बल्कि और बड़ी है और इस बार भी नीतीश कुमार के चेहरे पर ही बिहार सरकार बनेगी। आरजेडी के नेता वीरेंद्र ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए बोला है की अब तो इनके समर्थक भी समझ गए हैं कि नीतीश कुमार की जमीन खिसक गई है।

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