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अलवर के अम्बेडकर सर्किल पर डॉ अम्बेडकर की प्रतिमा के साथ सीढ़यां लगाने से बड़ी संख्या में लोग कर सके मालार्पण

संविधान निर्माता डॉ भीमराव अम्बेडकर की जयंती पर बुधवार को अलवर शहर सहित जिले भर में अनेक कार्यक्रम हुए। अलवर शहर के अम्बेडकर सर्किल पर अम्बेडकर की प्रतिमा के साथ सीढियां बनाने से उनको पूरा सम्मान मिला है। पहले ऐसे अवसर पर मालाएं फेंककर पहनानी पड़ती थी लेकिन, इस बार सीढ़ी बनाने से एक-एक करके
अलवर के अम्बेडकर सर्किल पर डॉ अम्बेडकर की प्रतिमा के साथ सीढ़यां लगाने से बड़ी संख्या में लोग कर सके मालार्पण

संविधान निर्माता डॉ भीमराव अम्बेडकर की जयंती पर बुधवार को अलवर शहर सहित जिले भर में अनेक कार्यक्रम हुए। अलवर शहर के अम्बेडकर सर्किल पर अम्बेडकर की प्रतिमा के साथ सीढियां बनाने से उनको पूरा सम्मान मिला है। पहले ऐसे अवसर पर मालाएं फेंककर पहनानी पड़ती थी लेकिन, इस बार सीढ़ी बनाने से एक-एक करके सैकड़ों लोगों ने मालाएं पहनाई। डॉ अम्बेडकर के जयकारे लगाते हुए उनको मालाओं से लाद दिया गया।
यहां युवाओं ने कहा कि डॉ अम्बेडकर के नाम से जयकारे लगाने के साथ उनको किताबों के जरिए जानना चाहिए। उनकी बताई बातों को अमल में लाने की जरूरत है। जिसके लिए चाहे जिले, प्रदेश या देश से बाहर भी जाने की जरूरत पड़े जो जाना चाहिए। तभी हम डॉ अम्बेडकर के बताए मार्ग पर चलकर दलित का उत्थान कर सकेंगे।
श्रम राज्य मंत्री टीकाराम जूली ने शिश अस्पताल का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने चिकित्सकों को निर्देश दिए कि हर हाल में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना की जाए। बिना मास्क आने वाले मरीजों को मास्क उपलब्ध कराए जाएं। इससे पहले टीकाराम जूली ने डॉ अम्बेडकर की प्रतिमा पर भी माल्यार्पण किया। उस दौरान काफी संख्या में लोग वहां मौजूद थे।

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