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अब हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट और स्टिकर को लेकर मन की शंका होगी दूर, अब लोगो को यहाँ से मिलेगा सही या गलत जबाब

जब से हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट और कलर कोडेड स्टीकर की बात सरकार ने वाहन मालिकों से कही है, वह काफी संशय में हैं। आजकल देशभर में एचएसआरपी प्लेट न लगाने पर चालान काटे जा रहे हैं। इसको लेकर सबके मन में सवाल हैं। हम सभी सवालों के जवाब आपको देंगे। हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट
अब हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट और स्टिकर को लेकर मन की शंका होगी दूर, अब लोगो को यहाँ से मिलेगा सही या गलत जबाब

जब से हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट और कलर कोडेड स्टीकर की बात सरकार ने वाहन मालिकों से कही है, वह काफी संशय में हैं। आजकल देशभर में एचएसआरपी प्लेट न लगाने पर चालान काटे जा रहे हैं। इसको लेकर सबके मन में सवाल हैं। हम सभी सवालों के जवाब आपको देंगे। हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट एक नए तरीके की नंबर प्लेट है जिसका निर्माण एल्यूमिनियम से किया जाता है। ये प्लेट टेंपर प्रूफ होती हैं यानी इनके साथ छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है। साथ ही इनके साथ दो नॉन-रीयूजेबल लॉक्स मिलते हैं। नंबर प्लेट को हटाने के लिए इन लॉक को तोड़ना पड़ता है। लॉक टूट जाने के बाद इस नंबर प्लेट को दोबारा नहीं लगाया जा सकता।अब हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट और स्टिकर को लेकर मन की शंका होगी दूर, अब लोगो को यहाँ से मिलेगा सही या गलत जबाब

लिहाजा वाहन मालिक को एक अन्य नई नंबर प्लेट खरीदनी पड़ती है। नंबर प्लेट की बाईं तरफ क्रोमियम आधारित अशोक चक्र अंकित होता है और IND लिखा होता है। इसके साथ ही वाहन की पहचान के लिए दिया गया ‘व्हीकल आईडेंटिफिकेशन नंबर’ लेजर एनकोडेड होता है जिससे इसे स्कैन करना बहुत ही आसान हो जाता है। इससे किसी भी तरह की छेड़छाड़ संभव नहीं। कलर कोडेड स्टिकर में कार का फ्यूल टाइप और भारत स्टेज यानी इमिशन नॉर्म्स की जानकारी होती है। पेट्रोल और सीएनजी कारों के लिए नीले रंग का स्टिकर दिया जाता है, वहीं डीजल कारों के लिए नारंगी और इलेक्ट्रिक कारों के लिए हरे रंग का का स्टिकर मिलता है। बीएस-6 कारों में स्टिकर के ऊपरी हिस्से में अलग से ग्रीन कलर की स्ट्रिप भी दी गई है। आपको गाड़ी की विंडस्क्रीन पर अंदर की ओर से इसे चिपकाना होता है।
क्या कीमत है हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट और कलर कोडेड स्टिकर की
इनकी कीमत कैटेगरी के हिसाब से तय होती है चार पहिया और दोपहिया वाहन के मुताबिक कीमत तय होती है। बाइक की हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के लिए लगभग 400 रुपये और चार पहिया वाहन के लिए अधिकतम 1100 रुपये चुकाने होते हैं। वहीं कलर-कोडेड स्टिकर के लिए 140-150 रुपये चुकाने होते हैं। अगर आप होम डिलीवरी चाहते हैं तो इसके लिए अलग से पैसे लगेंगे।अब हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट और स्टिकर को लेकर मन की शंका होगी दूर, अब लोगो को यहाँ से मिलेगा सही या गलत जबाब

हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाने के लिए आप डीलर से संपर्क कर सकते हैं या फिर ऑनलाइन भी आवेदन कर सकते हैं।  जहां पर आपको प्राइवेट वाहन और कमर्शियल वाहन के दो ऑप्शन दिखाई देंगे। प्राइवेट व्हीकल टैब पर क्लिक करने पर पेट्रोल, डीजल, इलेक्ट्रिक, CNG और CNG+ पेट्रोल का ऑप्शन चुनना होगा। अहम सवाल यह है अचानक से हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट्स को अनिवार्य क्यों कर दिया गया, तो इसका जवाब है कि वाहन चोरी की वारदातों पर लगाम कसने के इरादे से एचएसआरपी को लगाना अनिवार्य किया गया है। एचएसआरपी की मदद से चोरी हुए वाहनों को ट्रैक करने में आसानी होगी। पुराने रजिस्ट्रेशन प्लेट में नंबर स्टिकर होता था जिनके साथ आसानी से छेड़छाड़ की जा सकती है।पुराने नंबर प्लेट्स पर लगे स्टिकर को कोई भी आसानी से हटा सकता है और कोई भी अन्य व्हीकल नंबर रजिस्ट्रेशन डाल सकता है। ज्यादातर चुराए गए वाहनों की नंबर प्लेट्स बदल दी जाती हैं। जिसके कारण उन्हें ट्रैक करना मुश्किल हो जाता था। अब एचएसआरपी के रहते पुलिस सड़कों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से नंबर प्लेट को स्कैन और ट्रैक कर सकेगी।अब हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट और स्टिकर को लेकर मन की शंका होगी दूर, अब लोगो को यहाँ से मिलेगा सही या गलत जबाब

यातायात नियमों को तोड़ने पर उल्लंघन करने वालों को तुरंत पकड़ा जा सकेगा। कई वाहनों की नंबर प्लेट्स पर क्षेत्रीय भाषा में नंबर लिखे होते हैं जो हर किसी के समझ में नहीं आते हैं, ऐसे में अब हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट्स के रहते ऐसी चीजों पर पाबंदी लग सकेगी। सबसे अहम बात यह है कि वाहन संबंधी डाटा का डिजिटिलिकरण करने में सरकार को काफी मदद मिलेगी।

 

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